Gwalior News: विरोध के बाद रामलीला समिति से हटाए गए गुड्डू नूरआलम वारसी, बोले- ‘मेरे अंदर श्रीराम की आस्था को कोई नहीं हटा सकता’

Gwalior News: गुड्डू नूरआलम वारसी ने IBC24 से बातचीत में इस विरोध को समझने से इंकार करते हुए कहा, "मैं मुस्लिम हूँ, इसलिए मुझे हटाया गया है, लेकिन मेरे अंदर भगवान श्रीराम की आस्था को कोई नहीं हटा सकता। श्रीराम मेरे मन में बसे हुए हैं और मैं उनकी सेवा करता रहूंगा।"

Gwalior News: विरोध के बाद रामलीला समिति से हटाए गए गुड्डू नूरआलम वारसी, बोले- ‘मेरे अंदर श्रीराम की आस्था को कोई नहीं हटा सकता’

Reported By: Nasir Gouri,
Modified Date: September 25, 2025 / 06:00 pm IST
Published Date: September 25, 2025 6:00 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मुस्लिम व्यक्ति को संयोजक बनाएं जाने का विरोध
  • 25 वर्षों से रामलीला आयोजन से जुड़े थे नूरआलम वारसी
  • "मैं मुस्लिम हूँ, इसलिए मुझे हटाया गया : नूरआलम वारसी

ग्वालियर: Gwalior News, ग्वालियर जिले की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध रामलीला समिति में एक बड़ा विवाद सामने आया है। राम बारात के पूर्व संयोजक गुड्डू नूरआलम वारसी को हिन्दू संगठनों के विरोध के चलते समिति द्वारा पद से हटा दिया गया है। गुड्डू नूरआलम वारसी ने IBC24 से बातचीत में इस विरोध को समझने से इंकार करते हुए कहा, “मैं मुस्लिम हूँ, इसलिए मुझे हटाया गया है, लेकिन मेरे अंदर भगवान श्रीराम की आस्था को कोई नहीं हटा सकता। श्रीराम मेरे मन में बसे हुए हैं और मैं उनकी सेवा करता रहूंगा।”

25 वर्षों से रामलीला आयोजन से जुड़े थे नूरआलम वारसी

गुड़़डू नूरआलम वारसी ने बताया कि वे पिछले 25 वर्षों से रामलीला आयोजन से जुड़े थे और पिछले 10 वर्षों से संयोजक के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्होंने कहा, “रामलीला का आयोजन यहाँ पिछले 79 वर्षों से होता आ रहा है। पिछले आयोजन में मैंने केवट संवाद निभाया था और राम बारात में रामजी की मूर्ति के साथ पैदल चलकर हिस्सा लिया था।”

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रामलीला आयोजन के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने इस मामले पर कहा, “हिन्दू संगठनों के विरोध के कारण गुड्डू नूरआलम वारसी को हटाया गया है। हमने SP को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। हमें दुःख है कि इतने सालों से जुड़े व्यक्ति को हटाना पड़ा।”

मुस्लिम व्यक्ति को संयोजक बनाएं जाने का विरोध

रामलीला आयोजन ग्वालियर में सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अब इस विवाद के कारण आयोजन के आगामी संस्करण में क्या बदलाव होंगे, यह देखना बाकी है।

बता दें कि ग्वालियर में रामलीला समिति का हिन्दू संगठनों ने विरोध किया था। जिसके तहत मुस्लिम व्यक्ति को संयोजक बनाएं जाने का विरोध किया था। समिति ने संयोजक पद से पूर्व पार्षद गुड्डू नूरआलम वारसी को हटाया था। उन्हे राम बारात के संयोजक पद से हटाया गया था।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com