ग्वालियर के लाल ने बढ़ाया प्रदेश का मान, दिव्यांग होकर भी तैरकर लंदन से फ्रांस गए और वापस लौटे

Divyang Satyendra of Gwalior swam from London to France and returned ग्वालियर के दिव्यांग सत्येंद्र तैरकर लंदन से फ्रांस गए और वापस लौटे

ग्वालियर के लाल ने बढ़ाया प्रदेश का मान, दिव्यांग होकर भी तैरकर लंदन से फ्रांस गए और वापस लौटे

Divyang Satyendra of Gwalior swam from London to France and returned

Modified Date: July 20, 2023 / 04:47 pm IST
Published Date: July 20, 2023 4:46 pm IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के लाल और ग्वालियर के दिव्यांग तैराक सत्येंद्र सिंह ने लंदन से फ्रांस और फ्रांस से लंदन तक 72 किमी की मैराथन तैराकी सफलता पूर्वक पूरी की। इस रिले तैराकी में छह दिव्यांग तैराकों के दल का उन्होंने नेतृत्व किया। सत्येंद्र ने अपनी टीम के साथ 18 जुलाई को यूके में डोबर समुद्रतट से स्थानीय समयानुसार रात्रि 3.17 मिनट पर तैराकी शुरू की। यहां से टीम फ्रांस के वेसेंट समुद्रतट शाम को 5.17 मिनट पर पहुंची। यहां से वापस यूके के डोबर समुद्रतट के लिए टीम ने तैराकी शुरू की।

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टीम 19 जुलाई को स्थानीय समयानुसार 10.40 मिनट पर वापस यूके पहुंची। इस तरह 31 घंटे 29 मिनट में टीम ने कुल 70 किमी की दूरी तय की। समुद्र में कई चैनलों को तैराकों ने पार किया है, जिनमें यह इंग्लिश चैनल दुनिया में सबसे मुश्किल माना जाता है। यहां पता नहीं होता है कि कब मौसम बदल जाए। सत्येंद्र ने इससे पहले 24 जून 2018 को इंग्लिश चैनल एक ओर तैरकर पार किया था। तब 12 घंटे 26 मिनट में वे लंदन से फ्रांस तक गए थे। अब अपनी टीम के साथ दोनों ओर की दूरी पार की है।

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सत्येंद्र के मुताबिक इस दौरान समुद्र में तापमान 14 डिग्री था। यहां ठंडे पानी में तैरना खासा मुश्किल था। रास्ते में मछलियों ने भी काटा। खासकर जैली फिश ने बहुत परेशान किया। यह मछली चिपक जाती है। इसकी रगड़ लगने से त्वचा पर जलन और खुजली होती है। लहरों और वर्षा से भी परेशानी होती है। वापस लौटते समय मौसम कुछ खराब हुआ और वर्षा होने लगी। जिससे परेशानी बढ़ी। आपको बता दें कि सत्येंद्र का जन्म सामान्य बच्चे की तरह हुआ था, लेकिन जन्म के 15 दिन बाद बीमारी के कारण शरीर का निचला हिस्सा दिव्यांग हो गया। ऐसे हालात में बहुत से लोग निराश हो जाते हैं, लेकिन सत्येंद्र ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने तैराकी का प्रशिक्षण प्रारंभ किया। वे पैरा तैराकी में अब तक 28 राष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं जबकि चार अंतररष्ट्रीय पदक भी हासिल किए हैं।

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