Govt Teachers Salary News: सरकारी टीचर्स ध्यान दें!.. जारी किया गया वेतन में कटौती का आदेश.. जानें क्यों लिया ऐसा फैसला
Govt Teachers Salary Stopped Order: मध्यप्रदेश सरकार ने अपने जवाब में कहा कि ई-अटेंडेंस के मामले में कोर्ट को सुनवाई करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हाईकोर्ट पहले ही शासकीय कर्मचारियों की ई-अटेंडेंस पर अपना फैसला सुना चुका है।
Govt Teachers Salary Stopped Order || Image- AI Generated File
- नवंबर वेतन ई-अटेंडेंस पर निर्भर
- आदेश नहीं मानने पर सैलरी कटेगी
- सरकार ने कोर्ट में विस्तृत जवाब दिया
Govt Teachers Salary Stopped Order: ग्वालियर: मध्यप्रदेश का शिक्षा विभाग सरकारी शिक्षकों में अनुशासन और समयबद्धता लेकर बेहद गंभीर है। यही वजह है कि शिक्षकों की उपस्थिति और स्कूल आने के समय को लेकर शासन ने स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस को अनिवार्य कर दिया है। हालांकि शासकीय आदेश के बाद भी कई शिक्षक इस शासनादेश को गंभीरता से नहीं ले रहे। ऐसे में शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है।
Teacher Salary Cut November MP News: जितना ई-अटेंडेंस, उतना ही वेतन
दरअसल ग्वालियर के जिला शिक्षाधिकारी ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि शिक्षकों को अब ई-अटेंडेंस के आधार पर नवंबर माह के वेतन का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने साफ किया है कि जितनी ई-अटेंडेंस होगी, उतने दिनों के वेतन का भुगतान शिक्षकों को किया जाएगा। साथ ही नवंबर में ई-अटेंडेंस न लगाने वालों का वेतन काटा जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी हरिओम चतुर्वेदी ने इस संबंध में आदेश की प्रति जिले के डीपीसी, बीईओ और संकुल प्राचार्यों को प्रेषित कर दिया है।
Jabalpur High Court E-Attendance Case: न्यायालय में पेश किया सरकार ने जवाब
Govt Teachers Salary Stopped Order: गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में शासकीय शिक्षकों की ई-अटेंडेंस के मामले पर राज्य सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट में तीन दिनों पहले जवाब पेश कर दिया है। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना विस्तृत जवाब हाईकोर्ट में पेश किया है। सरकार की ओर से मुख्यतः याचिकाकर्ता शिक्षकों के आरोपों को नकार दिया गया है और कोर्ट से शिक्षकों की याचिका ख़ारिज करने की मांग की गई है।
Madhya Pradesh E-Attendance Rule Update: ई-अटेंडेंस ऐप का लिया गया है डेटा सेफ्टी सर्टिफिकेट
राज्य सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोबाइल नेटवर्क की ऐसी दिक्कत नहीं है कि टीचर्स ई-अटेंडेंस न लगा सकें। राज्य सरकार ने अपने जवाब में “हमारे शिक्षक” ई-अटेंडेंस ऐप से डेटा लीक होने की आशंकाओं को भी नकार दिया है। जवाब में कहा गया है कि सरकार ने “हमारे शिक्षक” ई-अटेंडेंस मोबाइल ऐप के लिए डेटा सिक्योरिटी का सर्टिफिकेट ले लिया है और ऐप से शिक्षकों का प्राइवेट डेटा चोरी होने जैसा कोई जोखिम नहीं है।
MP Education Department New Order: 2017 में HC ई-अटेंडेंस को दे चुकी हरी झंडी
Govt Teachers Salary Stopped Order: मध्यप्रदेश सरकार ने अपने जवाब में कहा कि ई-अटेंडेंस के मामले में कोर्ट को सुनवाई करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हाईकोर्ट पहले ही शासकीय कर्मचारियों की ई-अटेंडेंस पर अपना फैसला सुना चुका है। राज्य सरकार ने अपने जवाब में साल 2014 के राजेंद्र कुमार शिवहरे vs स्टेट ऑफ मध्यप्रदेश और साल 2017 के राज्य अध्यापक संघ vs स्टेट ऑफ मध्यप्रदेश मामले पर आए फैसलों का हवाला दिया है।
राज्य सरकार ने अपने जवाब में इन मामलों में आए हाईकोर्ट के निर्णयों की कॉपी भी पेश की है, जिसमें कोर्ट ने ई-अटेंडेंस को जायज ठहराकर इसे चुनौती देने वाले शासकीय कर्मचारियों की याचिकाएं ख़ारिज कर दी थीं। पुराने फैसलों के आधार पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से शिक्षकों की ताज़ा याचिका भी ख़ारिज करने की मांग की है।
Madhya Pradesh Latest News and Updates: HC ने अगले हफ्ते तय की मामले पर सुनवाई
हालांकि हाईकोर्ट में पेश राज्य सरकार के इस जवाब के विरोध में याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से कोर्ट में एक रीज्वाइंडर पेश कर जवाब दिया जाएगा, क्योंकि शिक्षक सरकार की इस दलील से सहमत नहीं हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी की खास दिक्कत नहीं है। फिलहाल जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर ले लिया है और मामले पर अगली सुनवाई 1 हफ्ते बाद तय कर दी है।
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