MP News: लंबे समय बाद यहां के जंगलों में बाघ ने दी दस्तक, रोजाना मिल रहे पैरों के निशान

Tiger's knock in the jungles of Madiado Forest Range लंबे समय बाद यहां के जंगलों में बाघ ने दी दस्तक, रोजाना मिल रहे पैरों के निशान

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  • Publish Date - July 28, 2023 / 06:18 PM IST,
    Updated On - July 28, 2023 / 06:19 PM IST

Tiger's knock after a long time in the forests of Madiyado Forest Range

Tiger’s knock in the jungles of Madiado Forest Range हटा। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मड़ियादो वनपरिक्षेत्र के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। लंबे समय बाद यंहा के जंगलों में बाघ की दस्तक की खबर आई है। चोरईया, मनकपुरा के जंगलों में पिछले तीन दिन से बाघ की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। लिहाजा पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन बाघ के पदचिह्न, शिकार किये अवशेष आदि का डेटा कलेक्ट कर सघन निगरानी कर रहा है।

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लंबे समय बाद कोई बाघ मड़ियादो वनपरिक्षेत्र में आकर टेरेटरी बना रहा है। इससे पूर्व पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों के कुनबा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाला बाघ टी-3 मड़ियादो के जंगलों में आया था, जिसके बाद ही वर्ष 2016/17 में हटा ब्लाक के इस एरिया को पन्ना टाइगर रिजर्व में शामिल किया गया था। वहीं, किशनगढ़ वनपरिक्षेत्र के किशनगढ बफर में इन दिनों 16 से अधिक की संख्या में बाघों की उपस्थिति के आंकड़े प्रबंधन के पास है, जो कि पन्ना टाइगर रिजर्व की सभी 12 रेन्जो का करीब 25% बाघों की संख्या किशनगढ वनपरिक्षेत्र से आती है।

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किशनगढ़ में बाघों की संख्या में अप्रत्यासित दर से बाघों की व्रद्धि में वनपरिक्षेत्र किशनगढ़ प्रबंधन कर्मचारियों की अहम भूमिका और यंहा बाघों के लिए अनुकूल परिस्थियां बढ़ा कारण है। इन क्षेत्रों में बाघों की बढ़ती संख्या से पीटीआर प्रबंधन भी अब आदिवासी अंचल के इन क्षेत्रों में पर्यटन की सम्भावनाओ को लेकर कार्य कर रहा है। केन बेतवा लिंक परियोजना के भराव क्षेत्र में आने से अधिकतर वन्य जीवों का रुख भौरखुआ, राईपुरा,कदवारा और मड़ियादो के चोरईया,घोघरा,पाटन के जंगलों की ओर बढ़ने के कयास लगाए जा रहे। लिहाजा पीटीआर प्रबंधन मड़ियादो और किशनगढ़ दोनो रेंजों को पन्ना टाइगर रिजर्व के भविष्य की सम्भावनाओं को लेकर भी कार्ययोजना बना रहा है। IBC24 से नरेश मिश्रा की रिपोर्ट

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