स्कूल बसों के लिए हाईकोर्ट ने दिए सख्त निर्देश.. अब पेरेंट्स को मिलेगी ये खास सुविधा, नहीं चलेगी 12 साल पुरानी बसें

High court's guideline for school buses : बसों में स्पीड गवर्नर, जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे के निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।

स्कूल बसों के लिए हाईकोर्ट ने दिए सख्त निर्देश.. अब पेरेंट्स को मिलेगी ये खास सुविधा, नहीं चलेगी 12 साल पुरानी बसें

High court's guideline for school buses | File Photo

Modified Date: December 5, 2024 / 10:12 am IST
Published Date: December 5, 2024 10:12 am IST

इंदौर। High court’s guideline for school buses : स्कूल बसों को देखते हुए हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि अब स्कूलों में 12 साल पुरानी बसें नहीं चलाई जाएगी। बसों में स्पीड गवर्नर, जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे के निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। डीपीएस बस हादसे के बाद टायर जनहित याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। इतना ही नहीं एमपी मोटर व्हीकल एक्ट 1994 में नियमों का प्रावधान कर गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने की भी बात कही है। बता दें कि 2018 में डीपीएस बस हादसे में चार बच्चों और ड्राइवर की मौत हुई थी।

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स्कूल बस हादसों को देखते हुए हाईकोर्ट के निर्देश

 

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12 साल पुरानी स्कूल बसें नहीं चलाई जा सकेंगी।

स्कूल बसों में बसों में स्पीड गर्वनर, जीपीएस और सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप से लगवाएं।

पेरेंट्स को मोबाइल ऐप के माध्यम से स्कूल बस को ट्रैक करने की सुविधा दी जाए।

बस में एक शिक्षक काे रखें, जो आखिरी स्टॉप तक बस में ही रहे।

विद्यार्थियों के ऑटो रिक्शा में ड्राइवर सहित चार व्यक्ति ही बैठ सकेंगे।

सरकारी स्कूल में प्राचार्य, निजी स्कूल में मालिक, प्रबंधन स्कूल के किसी सीनियर शिक्षक या कर्मचारी को व्हीकल इंचार्ज नियुक्त करेंगे।

स्कूल बस का इंचार्ज ऑफिसर नियमों के पालन के लिए जिम्मेदार होगा।

हादसा या गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर प्रबंधन के साथ स्कूल बस का इंचार्ज ऑफिसर भी जिम्मेदार होंगे।

बस में महिला या पुरुष शिक्षक को रखें, जो बस के आखिर स्टॉप तक साथ रह सकें।

ड्राइवर व कंडक्टर का मेडिकल चेकअप कराएं, आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखें।

स्कूल बस की खिड़की पर ग्रिल हो, फर्स्ट एड किट व अग्निशमन यंत्र जरूरी है।

स्कूल बस का रंग पीला रहेगा। बस पर स्कूल बस या ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा जाए।

अनुबंधित बसों के पास मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार फिटनेस प्रमाण पत्र होना चाहिए।

बसों में बीमा, परमिट, पीयूसी व टैक्स रसीद रखी जाए।

स्कूल का नाम, पता, टेलिफोन व व्हीकल इंचार्ज का मोबाइल नंबर की पट्टी लगाएं।

खिड़की में ग्रिल लगी होनी चाहिए। फिल्म व रंगीन ग्लास का उपयोग नहीं करें।

बसों में फर्स्ट एड किट और अग्निशमन यंत्र अनिवार्य रूप से लगे हों।

बस सहायक को इमर्जेंसी उपयोग व बच्चों को बैठाने-उतारने का प्रशिक्षण दें।

ड्राइवर के पास स्थाई लाइसेंस व 5 साल का अनुभव हो।

ऐसे ड्राइवर नियुक्त न करें जिनका ओवर स्पीडिंग, नशा करके चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना या चालान किया गया हो।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years