होसबाले ने हिंदुत्व को ‘भारत की आत्मा’ बताया, धर्मांतरण रोधी कानूनों के सख्त पालन पर जोर दिया

होसबाले ने हिंदुत्व को ‘भारत की आत्मा’ बताया, धर्मांतरण रोधी कानूनों के सख्त पालन पर जोर दिया

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  • Publish Date - November 30, 2025 / 10:23 PM IST,
    Updated On - November 30, 2025 / 10:23 PM IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), 30 नवंबर (भाषा) हिंदुत्व की अवधारणा को ‘भारत की आत्मा’ करार देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने रविवार को कहा कि जन जागरण, सामाजिक समरसता और कानूनों के सख्त पालन जैसे उपायों से धर्मांतरण पर रोक लगाई जा सकती है। संघ की ओर से जारी विज्ञप्ति में होसबाले के हवाले से यह बात कही गई।

होसबाले, इंदौर में ‘प्रमुख जन गोष्ठी’ में शामिल हुए।

यह कार्यक्रम संघ की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर केंद्रित था जिसमें समाज के अलग-अलग तबकों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

संघ की विज्ञप्ति में होसबाले के हवाले से कहा गया कि हिंदुत्व, भारत की आत्मा है।

उन्होंने कहा,‘‘ईश्वर इस मार्ग से भी प्राप्त हो सकता और उस मार्ग से भी, यह हिन्दू विचार है। ऐसा बोलने वाला समाज हिन्दू है। इस भूमि में रहने वाले इस समाज के कारण यह हिन्दू राष्ट्र है। हिंदू संस्कृति की विविध अभिव्यक्तियां हैं, परंतु संस्कृति का मूल एक ही है।’

विज्ञप्ति के मुताबिक धर्मांतरण की समस्या को लेकर एक श्रोता के प्रश्न पर संघ महासचिव ने कहा,‘‘धर्म-जागरण, सेवा कार्यों, सामाजिक समरसता, साधु-संतों के प्रवास और कानूनों के कठोरतापूर्वक पालन से धर्मांतरण पर रोक लग सकती है।’

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय संस्कृति में ‘धर्म’ की अवधारणा अंग्रेजी के ‘रिलीजन’ शब्द तक सीमित नहीं है और इस अवधारणा को व्यापक अर्थों में देखे जाने की जरूरत है।

होसबाले ने मिसाल देते हुए कहा,‘‘यातायात नियम सबके लिए एक जैसे होते हैं। गाड़ी ‘रिलीजन’ है और यातायात नियमों का पालन ‘धर्म’। रिलीजन बदला जा सकता है, लेकिन धर्म नहीं। रिलीजन बदलने के पीछे के इरादे गलत हों, तो इनसे सावधान होने और इन्हें रोकने की आवश्यकता है।’’

विज्ञप्ति के मुताबिक, एक श्रोता के प्रश्न के उत्तर में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा के दुराग्रह के कारण कुछ लोग अपने आप को हिन्दू बताने में संकोच करने लगे।

उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुत्व के मूल विचारों को नयी पीढ़ी तक ले जाने की आवश्यकता है।

होसबाले ने 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल और अयोध्या के राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान संघ के स्वयंसेवकों के अलग-अलग संघर्षों को याद किया और कहा कि इस संगठन ने गुजरी एक सदी में समाज के सहयोग से एक लाख से अधिक सेवा कार्य किए हैं।

भाषा हर्ष जितेंद्र

जितेंद्र