शह मात The Big Debate: गढ़ छत्तीसी, 36 हार.. जीत दिलाएंगे नए ‘सिपहसालार’! आखिर क्या कहता है BJP में नई नियुक्तियों का सियासी गणित?

गढ़ छत्तीसी, 36 हार.. जीत दिलाएंगे नए 'सिपहसालार'! The political arithmetic of new appointments in the BJP

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  • Publish Date - December 4, 2025 / 12:10 AM IST,
    Updated On - December 4, 2025 / 12:22 AM IST

रायपुरः BJP Appointments  छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन में लगातार नियुक्तियां हो रही हैभाजपा ने जिला संगठन में प्रभारी/सहप्रभारी और प्रकोष्ठों के संयोजक और सहसंयोजकों की नियुक्तियां की है, लेकिन कांग्रेस पार्टी उन 36 विधानसभा प्रभारी की नियुक्ति पर सवाल उठा रही हैजहां की 35 सीटें उसने पिछले विस चुनाव में जीती थीकांग्रेस के आरोप गंभीर हैं और उन आरोपों के केंद्र भी फिर से SIR हैसवाल ये है कि कांग्रेस की आपत्ति, बीजेपी की नियुक्तियों से है? SIR से है? या फिर केवल पॉलिटिकल गिमिक हैइधर बीजेपी SIR को लेकर इतने बचाव की मुद्रा में क्यों है?

BJP Appointments  छत्त्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव अभी दूर है लेकिन बीजेपी की कमजोर और हारी सीटों पर संगठनात्मक तैयारियों ने कांग्रेस की टेंशन बढा़ दी हैबीजेपी ने 36 विधानसभा सीटों पर अपने प्रभारी नियुक्त किए हैंइन 36 सीटों पर 2023 के चुनाव में कांग्रेस के 35 और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का एक विधायक निर्वाचित हुआ थाअब बीजेपी के ये प्रभारी जब अपने क्षेत्र का दौरा करेंगे तो स्वाभाविक रूप से स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी और सरकार का एहसास होगा जो एक मनोवैज्ञानिक दबाव भी स्थानीय प्रशासन पर बनाए रखेगासमाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसी को लेकर कहा था कि भाजपा जहां हारी है वहां 50 हजार से अधिक वोट कटवा रही है और उन जगहों पर प्रभारी भी नियुक्त कर रही हैअब यही बात छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता करते दिख रहे है.. जिस पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है

इसमें कोई दो राय नहीं कि जब से मोदी और शाह ने बीजेपी की कमान संभाली है पार्टी को चुनावी मशीन में तब्दील कर दिया हैजीत के बाद भी नेता-कार्यकर्ताओं को जमीन स्तर पर पार्टी की जड़े मजबूत करने के लिए झोंक दिया हैआज की सियासत में कांग्रेस और बीजेपी में शायद यही वो बड़ा फर्क हैदो दोनों के जनाधार और चुनावी सफलता और विफलता में दिखता है, हालांकि अब ये देखना दिलचस्प होगा की कांग्रेस के गढ़ों में बीजेपी की मोर्चाबंदी 2028 के चुनाव में क्या गुल खिलाती है