रायपुरः BJP Appointments छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन में लगातार नियुक्तियां हो रही है। भाजपा ने जिला संगठन में प्रभारी/सहप्रभारी और प्रकोष्ठों के संयोजक और सहसंयोजकों की नियुक्तियां की है, लेकिन कांग्रेस पार्टी उन 36 विधानसभा प्रभारी की नियुक्ति पर सवाल उठा रही है। जहां की 35 सीटें उसने पिछले विस चुनाव में जीती थी। कांग्रेस के आरोप गंभीर हैं और उन आरोपों के केंद्र भी फिर से SIR है। सवाल ये है कि कांग्रेस की आपत्ति, बीजेपी की नियुक्तियों से है? SIR से है? या फिर केवल पॉलिटिकल गिमिक है। इधर बीजेपी SIR को लेकर इतने बचाव की मुद्रा में क्यों है?
BJP Appointments छत्त्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव अभी दूर है लेकिन बीजेपी की कमजोर और हारी सीटों पर संगठनात्मक तैयारियों ने कांग्रेस की टेंशन बढा़ दी है। बीजेपी ने 36 विधानसभा सीटों पर अपने प्रभारी नियुक्त किए हैं। इन 36 सीटों पर 2023 के चुनाव में कांग्रेस के 35 और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का एक विधायक निर्वाचित हुआ था। अब बीजेपी के ये प्रभारी जब अपने क्षेत्र का दौरा करेंगे तो स्वाभाविक रूप से स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी और सरकार का एहसास होगा जो एक मनोवैज्ञानिक दबाव भी स्थानीय प्रशासन पर बनाए रखेगा। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसी को लेकर कहा था कि भाजपा जहां हारी है वहां 50 हजार से अधिक वोट कटवा रही है और उन जगहों पर प्रभारी भी नियुक्त कर रही है। अब यही बात छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता करते दिख रहे है.. जिस पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि जब से मोदी और शाह ने बीजेपी की कमान संभाली है पार्टी को चुनावी मशीन में तब्दील कर दिया है। जीत के बाद भी नेता-कार्यकर्ताओं को जमीन स्तर पर पार्टी की जड़े मजबूत करने के लिए झोंक दिया है। आज की सियासत में कांग्रेस और बीजेपी में शायद यही वो बड़ा फर्क है। दो दोनों के जनाधार और चुनावी सफलता और विफलता में दिखता है, हालांकि अब ये देखना दिलचस्प होगा की कांग्रेस के गढ़ों में बीजेपी की मोर्चाबंदी 2028 के चुनाव में क्या गुल खिलाती है।