IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025: प्रयागराज में कुंभ स्नान के लिए अभी कैसे जाएं? महामंडलेश्वर भागवान दास ने बताया भीड़ से बचकर कैसे कर सकेंगे गंगा में स्नान
प्रयागराज में कुंभ स्नान के लिए अभी कैसे जाएं? IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025: How to go for Kumbh bath in Prayagraj now?
IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025
उज्जैन। IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025 मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ का नंबर 1 न्यूज चैनल IBC24 हमेशा से अपने जनहित के मुद्दों के लिए पहचाना जाता है। पिछले 16 साल से लगातार जनता की आवाज को बुलंद करते हुए IBC24 ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। हमारी प्राथमिकताओं में केवल खबरें ही नहीं.. धार्मिक और सामाजिक मुद्दे भी है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के बीच बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में IBC24 आज अपना खास कार्यक्रम महाकुंभ संवाद आयोजित कर रहा है, जिसमें कई महंत और अफसर शामिल हो रहे हैं।
IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025 कार्यक्रम के दूसरे सेशन ‘सनातन का शक्ति केंद्र’ में अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी, महाममंडलेश्वर भगवान दास और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास महाराज ने अपनी बात रखी। इस दौरान महामंडलेश्वर भागवान दास ने कहा कि अभी प्रयागराज में देश-विदेश से श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। वहां लाखों सनातन की भीड़ मौजूद है। प्रबंधन के लिए सड़कों को बंद कर दिया गया है। सनातनियों को थोड़ा संयम रखना चाहिए।
Read More : IBC24 MAHAKUMBH CONCLAVE 2025 : कितने दिनों से चल रही सिहंस्थ कुंभ की तैयारी? कलेक्टर ने बताई पूरा प्लानिंग
पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी ने कही ये बात
इस दौरान अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी ने सरकार से एक बड़ी मांग रख दी। उन्होंने मांग की है कि न सिर्फ शाही स्नान का नाम बल्कि पेशवाई का भी नाम बदला जाना चाहिए। शाही स्नान के नाम के बदलने के संबंध में किए गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने परिवर्तन किया, अच्छी बात है। महाकाल की शाही सवारी को लेकर यह बात निकली थी। अभी भी देश गुलाम है। हम अंग्रेजी में बात करते हैं तो अंग्रेजों का गुलाम हैं। लाल किले से झंडा फहराते हैं, वह भी मुस्लिमों का बनाया हुआ है। देश में जितनी भी गुलामी के प्रतीक सभी को हटाने की बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल शाही स्नान या शाही सवारी के नाम को बदलकर पीठ नहीं थपथपानी चाहिए। गुलामी के प्रतीक सभी को हटाने के बाद ही हमारा देश सनातन व्यवस्था में आ पाएगा। हमने शाही को अमृत तो कर दिया, लेकिन आज भी छावनी बनाई जाती है, जो अंग्रेजों के गुलामी का प्रतीक है। आज भी पेशवाई निकलती है, उसका भी नाम बदला जाना चाहिए।
No products found.
Last update on 2025-12-16 / Affiliate links / Images from Amazon Product Advertising API

Facebook



