Indore Water Contamination: मरते रहे लोग.. झूला झूलते रहे पार्षद, भोज पर व्यस्त दिखे जलकार्य प्रभारी, इंदौर में गंदे पानी से मौतों के बीच जिम्मेदारों की लापरवाही उजागर, देखें तस्वीरें

मरते रहे लोग.. झूला झूलते रहे पार्षद, भोज पर व्यस्त दिखे जलकार्य प्रभारी, Indore councillors are on the fence amid deaths due to dirty water

  • Reported By: Anshul Mukati

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  • Publish Date - December 31, 2025 / 05:40 PM IST,
    Updated On - December 31, 2025 / 05:42 PM IST

Indore Water Contamination. Image Source- IBC24

इंदौरः Indore Water Contamination स्वच्छता के लिए देशभर में पहचान बना चुके इंदौर शहर पर इन दिनों एक गहरा दाग लग गया है। दूषित पेयजल की आपूर्ति से फैली बीमारी ने ऐसा कहर बरपाया कि कई घरों के चिराग बूझ गए तो कई घरों में अब केवल मातम पसरा हुआ है। सरकारी आंकड़ों से इतर, गलियों और बस्तियों में पसरा सन्नाटा इस त्रासदी की गंभीरता खुद बयां कर रहा है। एक ओर इलाके में पेयजल संकट और बीमारी से लोग जूझते रहे, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदार अधिकारियों की आयोजनों में व्यस्त है।

दरअसल, इंदौर में दूषित पानी से हाहाकार के बीच वार्ड के पार्षद कमल वाघेला का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे गार्डन में सुकून से झूला झूलते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह वीडियो कल शाम का है, जब भागीरथपुरा में दूषित पानी से हालात लगातार बिगड़ रहे थे। वहीं, नगर निगम के जलकार्य विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे एमआईसी मेंबर और जलकार्य प्रभारी बबलू शर्मा का भी एक फोटो सामने आया है। फोटो में वे शनिवार को आयोजित एक भोजन कार्यक्रम में लोगों को खाना परोसते दिखाई दे रहे हैं। यही विभाग शहरवासियों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी उपलब्ध कराने का जिम्मा संभालता है। इन तस्वीरों और वीडियो के सामने आने के बाद जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि जब क्षेत्र में लोग दूषित पानी से मर रहे थे, तब जिम्मेदार नेता और अधिकारी आयोजनों में कैसे व्यस्त रहे।

हाईकोर्ट में दो याचिकाओं पर सुनवाई, कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

Indore Water Contamination भागीरथपुरा में दूषित पानी से मौतों के मामले में हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में दो जनहित याचिकाएं लगाई गई हैं। इनमें से एक इंदौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश इंसानी जबकि दूसरी भागीरथपुरा निवासी राहुल गायकवाड ने लगाई है। हाईकोर्ट ने दोनों याचिकाओं पर आज ही सुनवाई की। इसमें दोनों याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिनव धनोत्कर और ऋषि कुमार चौकसे ने पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट के सामने कहा कि क्षेत्र में हालात काफी बिगड़ रहे हैं। कई मरीज अस्पताल में एडमिट हैं और मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। वहीं, शासन की ओर से पेश एडवोकेट ने कहा- इंदौर के 10 अस्पतालों में भागीरथपुरा के सभी मरीजों का फ्री इलाज किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा- यह तो करना ही पड़ेगा। इस पूरे मामले की रिपोर्ट 2 जनवरी को डिटेल में पेश करें कि कितने मरीज का इलाज किया गया और कितनी मौत हुई हैं?

अब तक तीन अधिकारियों पर कार्रवाई

मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देर रात जोनल अधिकारी शालिग्राम शितोले और प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर (पीएचई) योगेश जोशी को निलंबित कर दिया है। प्रभारी डिप्टी इंजीनियर (पीएचई) शुभम श्रीवास्तव की सेवा समाप्त कर दी गई है। तीन सदस्यों की जांच समिति बनाई गई है। इसके अध्यक्ष आईएएस नवजीवन पंवार होंगे। समिति में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर प्रदीप निगम और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। शैलेश राय को भी शामिल किया गया है। सीएम ने मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा भी की है।

शासन वहन करेगा इलाज का खर्च, मंत्री-महापौर रख रहे हालात पर नजर

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कलेक्टर शिवम वर्मा, नगर निगम आयुक्त दिलीप यादव और सीएमएचओ डॉ, माधव हसानी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा था कि भागीरथपुरा क्षेत्र के सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वहां से आने वाले मरीजों से इलाज का कोई शुल्क न लिया जाए। मरीजों के इलाज का खर्च शासन वहन करेगा।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

इंदौर में दूषित पानी पीने से हुई मौतों को लेकर मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में नेता प्रतिपक्ष ने मामले को गंभीर बताते हुए उच्चस्तरीय जांच, दोषियों पर कार्यवाही समेत प्रभावितों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। सिंघार ने अपने बयान में कहा कि भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी पीने से हजारों लोग बीमार होकर अस्पतालों में भर्ती हैं और 8 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सरकार की घोर विफलता का नतीजा है। उन्होंने कहा कि साल के आख़िरी दिन बीजेपी सरकार ने नए वर्ष की उमंग और उत्साह को शोक और मातम में बदल दिया।

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