Death sentence for murderer Saddam was murdered 7-year-old innocent,

7 साल के मासूम की चाकुओं से गोदकर की थी हत्या, उस सद्दाम को अदालत ने सुनाई सजा-ए-मौत

Edited By :   Modified Date:  February 6, 2023 / 06:30 PM IST, Published Date : February 6, 2023/6:30 pm IST

Death sentence for murderer: इंदौर के आजाद नगर में पिछले साल सितंबर में सामने आये एक जघन्य हत्याकांड के आरोपी सद्दाम को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। आरोपी सद्दाम ने सात साल के मासूम की चाकुओं से गोदकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव फ़ैल गया था। भीड़ ने आरोपी के घर पर जमकर पथराव भी किया था। बाद में नगर निगम ने सद्दाम के घर पर भी बुलडोजर चलवा दिया था।

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Death sentence for murderer: दरअसल यह पूरा मामला पिछले वर्ष सितंबर का है। मृत बच्ची का नाम माहेनूर था। माहेनूर को पड़ोस में ही रहने वाले आरोपित सद्दाम उर्फ़ वाहिद ने 15 बार चाकू से गोद कर हत्या कर दी थी। हत्या करने से पहले उसने बच्ची के हाथ की नस काट दी थी। हत्या के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी और रहवासियों ने जमकर पथराव व हंगामा किया था। घटना के बाद पुलिस ने विक्षिप्त आरोपित सद्दाम को गिरफ्तार कर लिया था। उसने दुष्कर्म के इरादे से बच्ची को ले जाना कबूल किया था। गिरफ्तारी के पांच घंटे बाद ही नगर निगम ने आरोपित का मकान तोड़ दिया।

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Death sentence for murderer: सद्दाम ने पिछली सुनवाई में खुद को मानसिक रोगी बताते हुए हत्यारे ने सजा से बचने की कोशिश भी की थी, लेकिन कोर्ट के सामने उसके दांवपेंच काम नहीं आए। हत्यारे ने मासूम को उस वक्त चाकू से गोद दिया था, जब वह अपने नाना के घर के बाहर खेल रही थी।

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Death sentence for murderer: वारदात 23 सितंबर 2022 को सुबह 11 बजे हुई थी। वाटर पंप के समीप रहने वाले मोहम्मद इस्माइल की सात वर्षीय नातिन मायरा उर्फ माहेनूर घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान सद्दाम वहां आया और मायरा को जबरदस्ती उठाकर खुद के घर (गणेश चौक) ले गया। इस्माइल की मकान मालकिन सलमा उसके पीछे-पीछे दौड़ी थी, लेकिन सद्दाम ने दरवाजा बंद कर लिया। कमरे में उसने मायरा पर चाकू से 15 वार किए और उसे मौत के घाट उतार दिया। न्यायालय के सामने सद्दाम ने खुद को मानसिक रोगी साबित करने का प्रयास भी किया था। उसके वकील ने इस संबंध में आवेदन भी दिया था। इसमें कहा गया था कि सद्दाम मानसिक चिकित्सालय में भर्ती भी रहा है, लेकिन ये दांवपेंच न्यायालय में काम नहीं आए।

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