Publish Date - September 12, 2025 / 08:53 PM IST,
Updated On - September 12, 2025 / 08:53 PM IST
Indore News/image Source: IBC24
HIGHLIGHTS
इंदौर में लव जिहाद पर नया मोर्चा,
JP नेता एकलव्य गौड़ का बड़ा ऐलान,
व्यापारियों को दिया अल्टीमेटम,
इंदौर: Indore News: इंदौर में भारतीय जनता पार्टी के नगर उपाध्यक्ष एकलव्य गौड़ ने शहर में लव जिहाद के ख़िलाफ़ एक नया अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत उन्होंने सीतलामाता बाज़ार और कपड़ा बाज़ार के व्यापारियों से मुलाक़ात कर जिहादी मानसिकता वाले कर्मचारियों को दुकानों से बाहर निकालने की अपील की है।
Indore News: दरअसल पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह गौड़ और वर्तमान भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य गौड़ ने व्यापारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की मानसिकता रखने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें हटाया जाए। उन्होंने व्यापारियों को इस दिशा में कार्रवाई के लिए एक माह का समय दिया है। वहीं व्यापारियों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस अपील पर काम शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि विभिन्न बाज़ारों में ऐसे कई कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनकी सोच जिहादी मानसिकता से प्रभावित मानी जा रही है। इनकी पहचान कर उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
Indore News: व्यापारियों ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए एकलव्य गौड़ से सहयोग का आश्वासन दिया है। एकलव्य गौड़ ने स्पष्ट किया कि तय समयावधि के बाद यदि अपेक्षित कार्रवाई नहीं हुई तो वे स्वयं उचित कदम उठाएंगे। वहीं इस अभियान को लेकर शहर में चर्चा तेज़ हो गई है। जहाँ कुछ लोग इसे सामाजिक सुरक्षा के नज़रिए से देख रहे हैं वहीं कुछ हलकों में यह कदम सामाजिक सौहार्द्र पर प्रभाव डालने वाला भी माना जा रहा है।
"इंदौर लव जिहाद अभियान" की शुरुआत भाजपा नगर उपाध्यक्ष एकलव्य गौड़ ने की है, जो पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह गौड़ के पुत्र हैं।
"लव जिहाद के ख़िलाफ़ अभियान" में क्या किया जा रहा है?
इस अभियान के तहत सीतलामाता और कपड़ा बाज़ार के व्यापारियों से अपील की गई है कि वे जिहादी मानसिकता वाले कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें दुकान से बाहर करें।
क्या व्यापारियों ने "एकलव्य गौड़ की अपील" को स्वीकार किया है?
हां, कई व्यापारियों ने इस अपील पर सहमति जताई है और कहा है कि वे संदिग्ध मानसिकता वाले लोगों की पहचान कर रहे हैं।
"जिहादी मानसिकता" की परिभाषा क्या है?
यह एक विवादास्पद शब्द है जिसकी कानूनी या आधिकारिक परिभाषा नहीं है। यह अक्सर धार्मिक उन्माद या कट्टरता के संदर्भ में प्रयोग होता है, लेकिन इसके उपयोग को लेकर कानूनी और सामाजिक बहस जारी है।
क्या "लव जिहाद के ख़िलाफ़ अभियान" पर प्रशासन की कोई प्रतिक्रिया है?
अभी तक प्रशासन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ऐसे मामलों में क़ानून व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द्र पर विशेष ध्यान रखा जाता है।