Begging Banned In Indore: ‘भिखारियों की सूचना दो और पाओ 1000 रुपये का इनाम’, भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने प्रशासन की नई पहल
Begging Banned In Indore: 'भिखारियों की सूचना दो और पाओ 1000 रुपये का इनाम', भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने प्रशासन की नई पहल
Begging Banned In Indore। Image Credit: Meta AI
इंदौर।Begging Banned In Indore: इंदौर को देश का पहला भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के लक्ष्य से जुड़ी अनूठी इनामी योजना का लाभ लेने के लिए स्थानीय लोग भिखारियों के बारे में प्रशासन को फोन करके सूचना दे रहे हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने शहर में भीख लेने के साथ ही भीख देने और भिखारियों से कोई सामान खरीदने पर कानूनी रोक लगा दी है और इस प्रतिबंध के उल्लंघन पर कार्रवाई का प्रावधान किया है।
सूचना देने वालों को मिला इनाम
दरअसल, इंदौर को भिखारियों से मुक्त करने के लिए प्रशासन की 1,000 रुपये की इनाम योजना को नागरिकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। लोग अपने क्षेत्रों में भीख मांगने वालों के बारे में जानकारी देने के लिए आगे आ रहे हैं। इंदौर प्रशासन ने भीख मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया है और लोगों को भिखारियों के लिए भीख देने और सामान खरीदने से मना किया है। जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि पिछले चार दिनों में लगभग 200 लोगों ने मोबाइल नंबर पर कॉल किया है, और जांच के बाद 12 लोगों द्वारा दी गई जानकारी सही पाई गई। इनमें से छह को जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में 1000-1000 रुपये मिले।
भिखारियों की सूचना देने जारी किया मोबाइल नंबर
अधिकारियों के मुताबिक, प्रशासन के दो जनवरी को जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में भिक्षावृत्ति की सही सूचना देने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा भी की गई है। उन्होंने बताया कि, भिखारियों के बारे में प्रशासन को सूचना देने के लिए एक मोबाइल नम्बर भी जारी किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि भिक्षावृत्ति के खिलाफ प्रशासन के जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को एक वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है।
Begging Banned In Indore: वहीं मिली जानकारी के अनुसार, गुजरे चार महीनों के दौरान शहर में भिक्षावृत्ति में शामिल करीब 400 लोगों को पुनर्वास के लिए एक आश्रय स्थल भेजा गया है, जबकि 64 बच्चों को बाल देखरेख संस्थान पहुंचाया गया है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाए जाने की प्रायोगिक (पायलट) परियोजना शुरू की है जिनमें इंदौर शामिल है।

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