process of political accusations and counter-allegations continues on issue

महंगाई की मार…ट्वीट वार! मुद्दे पर जारी है सियासी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : July 28, 2021/12:22 am IST

भोपाल: पेट्रोल डीजल की कीमतों पर बीजेपी कांग्रेस के बीच फिर ठन गई है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह के पुरी के एक बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। चूंकि मुद्दा सीधे-सीधे जनता से जुड़ा है तो वो इस मुद्दे को हवा देकर अपना फायदा तलाश रही हैं। हालांकि सत्ता पक्ष इसके लिए कांग्रेस को ही दोषी ठहरा रही है। जाहिर है मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतें आम आदमी को परेशान कर रही है तो, दूसरी ओर इस मुद्दे पर सियासी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है।

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मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें शतक लगाने के बाद आसमान छूने को बेताब हैं, लेकिन जनता को राहत देने के बजाए मध्यप्रदेश में सत्ता पक्ष और विपक्ष सियासत में उलझे हैं। मध्यप्रदेश की राजधानी में आज पेट्रोल 111 रुपए लीटर बिक रहा है। डीजल भी तकरीबन 100 रुपए के नज़दीक पहुंच गया है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार के गृह मंत्री कहते हैं कि इसकी जिम्मेदार कांग्रेस की पिछली सरकार है। डेढ़ साल से ज्यादा सत्ता का सुख भोग चुकी बीजेपी सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि कांग्रेस ने साल 2018 के घोषणा पत्र में वैट कम करने का वादा किया था लेकिन नहीं किया। इसलिए पेट्रोल डीजल की कीमतें रिकॉर्ड बना रहीं हैं। दरअसल (ग्राफिक्स इन) मध्यप्रदेश में सरकार पेट्रोल पर 33% VAT टैक्स वसूल रही है जबकि डीजल पर 23%। मध्यप्रदेश की सरकार पेट्रोल डीजल पर 33% से 23 % वैट के अलावा प्रति लीटर 4.5 रुपये एडिशनल टैक्स भी ले रही है। 1 % सेस भी सरकार पेट्रोल डीजल पर सरकार लगा रही है।

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पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर सियासत गरमाने की वजह केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी का वो लिखित जवाब है, जो सोमवार को पुरी ने संसद में एमपी से बीजेपी सांसद रोडमल नागर और उदय प्रताप सिंह के सवाल के जवाब में दिया था। पुरी ने संसद मे बताया कि पेट्रोल डीजल पर देश में सबसे ज्यादा टैक्स कहीं लगता है तो वो मध्यप्रदेश है। जबकि दूसरे नंबर पर टैक्स लगाने वाले राज्यों में राजस्थान है। भारी टैक्स वाले पेट्रोल और डीजल की दरें इस महीने अपने उच्चतम मूल्य पर पहुंच गई है। पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने कहा कि राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल के आधार पर मूल्य और केंद्रीय करों की कुल राशि पर वैट लगाती है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश 31.55 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल पर वैट लगाता है, जो देश में सबसे अधिक है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी दिल्ली में इस बात को दोहराया कि देश में महंगाई चरम पर पहुंच गई है। लेकिन सरकार राहत देने के बजाए अपने एजेंडे में व्यस्त है।

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दरअसल कांग्रेस समेत विपक्षी दल भी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में शामिल करने की वकालत कर चुके हैं। लेकिन हाल में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये संकेत दिया है कि फिलहाल सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। जाहिर है मध्यप्रदेश में पेट्रोल डीजल की कीमतों ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। आम आदमी भाजपा सरकार से राहत की उम्मीद कर रहा है, लेकिन कांग्रेस की उम्मीद इस एजेंडे के जरिए मध्यप्रदेश की सत्ता में वापसी की है।

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