मध्यप्रदेश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी से शहरों के बीच हेलीकॉप्टर सेवा संचालन को मंजूरी

मध्यप्रदेश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी से शहरों के बीच हेलीकॉप्टर सेवा संचालन को मंजूरी

मध्यप्रदेश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी से शहरों के बीच हेलीकॉप्टर सेवा संचालन को मंजूरी
Modified Date: September 23, 2025 / 06:35 pm IST
Published Date: September 23, 2025 6:35 pm IST

भोपाल, 23 सितंबर (भाषा) मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने मंगलवार को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निजी संचालकों के सहयोग से राज्य के भीतर हेलीकॉप्टर सेवा संचालन को मंजूरी दी है जिसका उद्देश्य प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों और पर्यटक स्थलों के लिए किफायती हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराना है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने संवाददाताओं को बताया कि संपूर्ण प्रदेश के हवाई अड्डों, हेलीपैड एवं हवाई पट्टियों के बीच निजी ऑपरेटर चयनित स्थानों पर हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करेंगे।

मंत्री ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवाओं के संचालन के लिए प्रदेश के प्रमुख शहरों को तीन सेक्टरों में विभाजित किया गया है जिसके तहत सेक्टर-एक में इंदौर, उज्जैन, ओंकारेश्वर, मांडू, महेश्वर, गांधीसागर, मंदसौर, नीमच, हनुवंतिया, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ, नलखेड़ा, भोपाल और जबलपुर को रखा गया है।

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इसी तरह, सेक्टर-दो में भोपाल, मढ़ई, पचमढ़ी, तामिया, छिंदवाड़ा, सांची, इंदौर, दतिया, दमोह, ग्वालियर, शिवपुरी, कूनो (श्योपुर), ओरछा, गुना, राजगढ़, सागर, होशंगाबाद, बैतूल, टीकमगढ़ और जबलपुर को रखा गया है और सेक्टर- तीन में जबलपुर, बांधवगढ़, कान्हा, चित्रकूट, सरसी, परसिली, मैहर, सतना, पन्ना, खजुराहो, कटनी, रीवा, सिंगरौली, अमरकंटक, सिवनी, सीधी, मंडला, पेंच, डिंडोरी, भोपाल और इंदौर हैं।

विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘इस सेवा का उद्देश्य राज्य के प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों और पर्यटक स्थलों के मध्य किफायती एवं स्थायी हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करना है। इससे यात्रियों, पर्यटकों, व्यवसायियों, निवेशकों और आम नागरिकों का आवागमन सुगम होगा।’’

उन्होंने कहा कि इस पहल से राज्य में व्यापार और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसरों का सृजन भी होगा।

मंत्रिमंडल में इसके अलावा सारणी स्थित सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की 11,678.74 करोड़ रुपये और चचाई के अमरकंटक ताप विद्युत गृह की 11,476.31 करोड़ रुपये पुनरीक्षित लागत का अनुमोदन किया गया।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों परियोजनाओं का वित्तपोषण 20:80 अंशपूंजी और ऋण के अनुपात में किया जाएगा। राज्य सरकार सतपुड़ा परियोजना के लिए 684.53 करोड़ रुपये तथा अमरकंटक परियोजना के लिए 699.90 करोड़ रुपये की अंशपूंजी प्रदान करेगी। शेष राशि की व्यवस्था बिजली उत्पादन कंपनी अपने स्रोतों से करेगी।

मंत्रिपरिषद ने 13 स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के मानकों के अनुसार सीनियर रेजिडेंट के 354 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी।

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, विदिशा, रतलाम, खंडवा, शहडोल, शिवपुरी, दतिया और छिंदवाड़ा के स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में ये पद सृजित किए गए हैं।

विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘इस निर्णय से चिकित्सा महाविद्यालयों का संचालन राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुनिश्चित हो सकेगा। साथ ही, स्नातकोत्तर छात्र अपने ही संस्थान में सीनियर रेजिडेंटशिप कर सकेंगे, जिससे गैर-क्लीनिकल और पैरा-क्लीनिकल विषयों में योग्य चिकित्सा शिक्षक भी मिल सकेंगे।”

भाषा ब्रजेन्द्र खारी

खारी


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