संघम् शरणम् मुसलमान! क्या संघ और मुस्लिमों के बीच दूरी घट रही है?
संघम् शरणम् मुसलमान! क्या संघ और मुस्लिमों के बीच दूरी घट रही है? Is the distance between the Sangh and the Muslims narrowing?
शिखिल ब्यौहार/भोपाल। RSS के अनुषांगिक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दावा किया है कि बीते एक साल के दौरान एमपी के ढाई लाख मुस्लमान उनसे जुड़े हैं। इस दावे पर चुनावी चाणक्यों के कान खड़े हो गए हैं। एक ओर आरोप-प्रत्यारोप शुरू है तो दूसरी ओर नए सिरे से समीकरण गढ़े जा रहे हैं।
राजनीति के रंग निराले हैं। इसमें भगवा और हरा रंग भी सफेद हो जाता है ! कुछ ऐसा ही दावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने किया है। संघ के नेताओं की मानें तो बीते एक साल में मध्यप्रदेश के ढाई लाख से ज्यादा मुस्लिमों ने संघ की विचारधारा को अपना लिया है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच भोपाल के कार्यवाह बताते हैं कि संघ के प्रति मुस्लमानों की गलत तस्वीर को साफ करने की जरूरत है। मुस्लिमों का गलत इरादे से इस्तेमाल किया गया लेकिन अब मुस्लिम राष्ट्रवादी हो रहे हैं।
इस दावे को पऱखने के लिए आईबीसी 24 ने उन लोगों से मुलाकात की, जो राष्ट्रीय मुस्लिम मंच से बीते एक साल में जुड़े हैं। संघ का ये दावा कांग्रेस को हजम नहीं हो रहा। कांग्रेस के मुताबिक संघ और बीजेपी फर्जी आंकड़ों का सहारा लेती है। इस पर बीजेपी ने भी कांग्रेस पर अल्पसंख्यकों का सिर्फ सियासी फायदा उठाने का आरोप लगा दिया।
चुनावी महासंग्राम के इस साल में सियासत के अलग-अलग रंग दिखाई दे रहे हैं। कभी धर्मांतरण तो कभी लव जिहाद के मसलों पर सियासी उबाल का सुर्ख लाल रंग तो अब भगवा में हरे रंग की घुलती हुई महक मध्यप्रदेश की इस रंगबिरंगी सियासत पर किसी शायर की कलम से क्या खूब निकला।

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