Nishad Samaj Sammelan | Photo Credit: IBC24
भोपाल: Nishad Samaj Sammelan मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार ने निषाद समाज के साथ एक बड़ा सम्मेलन किया। जिसे विपक्ष कोरा सियासी स्टंट बता रहा है। कांग्रेस का दावा है कि ये सब केवल और केवल बिहार चुनावों में निषाद समाज के वोटर्स को साधने, मध्यप्रदेश की जमीन से माहौल बनाने की तैयारी है।
Nishad Samaj Sammelan मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन में निषाद समाज का सम्मेलन किया है। प्रदेशभर से आए निषाद समाज के जिम्मेदारों का सम्मान किया है और इस सम्मेलन की धमक बिहार तक महसूस हो रही है। कांग्रेस ने दावा किया है कि बीजेपी सरकार हर काम चुनावों के लिहाज से ही करती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी ने ये इवेंट भी बिहार चुनाव के हिसाब से ही किया है। क्योंकि 20 सालों तक एमपी में सरकार चलाने वाली बीजेपी ने इसके पहले निषाद समाज की चिंता नहीं की। लेकिन अब बीजेपी को बिहार में निषाद समाज बड़ा चुनावी फैक्टर नज़र आ रहा है तो बीजेपी मध्यप्रदेश में निषाद समाज का सम्मेलन के जरिए बिहार में माहौल बना रही है
40 विधानसभा सीटों पर निषाद समाज के कीर, कश्यप, मालवीय, बाथम, भोई, कहार, रायक्वार, मल्लाह, सोंधिया, ढ़ीमर, केवट और मांझी जैसी जातियों का प्रभाव है और एमपी के निषाद समाज का एक बड़ा हिस्सा यूपी-बिहार का पहले मूल निवासी रह चुका है। जानकार ये मान रहे हैं कि एमपी में भी निषाद समाज के सम्मेलन के पीछे बिहार की चुनावी जमावट की ही रणनीति रही है। उधर कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी सरकार के मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि सरकार बिना किसी की जाति मजहब देखे विकास के काम कर रही है। कांग्रेस सिर्फ राजनैतिक प्रपंच करना जानती है।
फिलहाल बिहार चुनाव की सियासी गरमाहट एमपी में भी महसूस हो रही है। बीजेपी बिहार में चुनावी रणनीति तैयार करने में जुटी है तो विपक्ष के सभी दल अपनी ताकत का एहसास करवाने की कोशिश में लगे हैं। जाहिर है बिहार में निषाद समाज चुनावों के लिहाज़ से बड़ा फैक्टर है इसलिए सभी दल उसे साधने की हर मुमकिन कोशिश भी कर रहे हैं।