Court Live Streaming Banned: अब मोबाईल पर नहीं देख पाएंगे अदालतों की लाइव कार्रवाई.. पुराने वीडिओ भी किये जायेंगे डिलीट, जानें वजह
Ban on live streaming of court proceedings आरोप लगाया गया कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइव स्ट्रीमिंग की क्लिपिंग को एडिट करके अपलोड कर पैसा कमाया जा रहा है।
Ban on live streaming of court proceedings
Ban on live streaming of court proceedings: भोपाल: जबलपुर हाईकोर्ट ने कोर्ट हियरिंग की लाइव स्ट्रीमिंग को एडिट करके उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की बैंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, राज्य सरकार, मेटा प्लेटफाॅर्म्स, यू-ट्यूब और ट्विटर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट में ये याचिका
Ban on live streaming of court proceedings: दरअसल मोह के डॉ विजय बजाज ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट में न्यायालयीन प्रक्रिया की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए कुछ नियम बनाए गए थे। इन नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि लाइव स्ट्रीमिंग के सभी कॉपीराइट हाईकोर्ट के पास हैं। इन नियमों के तहत किसी भी प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीमिंग के उपयोग, शेयर, ट्रांसमिट या अपलोड करना प्रतिबंधित है।
सोशल मीडिया भी शेयरिंग
आरोप लगाया गया कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइव स्ट्रीमिंग की क्लिपिंग को एडिट करके अपलोड कर पैसा कमाया जा रहा है। इतना ही नहीं इसके मीम्स, शॉर्ट्स भी बनाए जाते हैं जिसमें जजों, वकीलों और सरकारी अधिकारियों पर अभद्र टिप्पणियां की जाती हैं। याचिका में मांग की गई कि अब तक जिन भी लोगों ने हाइकोर्ट लाइव स्ट्रीमिंग का दुरुपयाेग कर सोशल मीडिया से पैसा कमाया है, उनसे वसूली की जाए और अब तक जितनी भी क्लिपिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई हैं, उन्हें डिलीट किया जाए।

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