Jabalpur Bargi Dam: भारी बारिश के बाद बरगी बांध के खुले 17 गेट, निचले इलाकों में अलर्ट, एरियल व्यू में देखें विहंगम और रोमांचक दृश्य
Jabalpur Bargi Dam: भारी बारिश के बाद बरगी बांध के खुले 17 गेट, निचले इलाकों में अलर्ट, एरियल व्यू में देखें विहंगम Jabalpur News
Jabalpur Bargi Dam | Image Source | IBC24
- लगातार बारिश से उफान पर नर्मदा,
- बरगी बांध के 17 गेट खोले गए,
- निचले इलाकों में अलर्ट जारी,
जबलपुर: Jabalpur Bargi Dam: मध्यप्रदेश में हो रही लगातार बारिश के चलते प्रदेश की तमाम नदियाँ और नाले उफान पर हैं। महाकौशल अंचल सहित जबलपुर में भी झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है जिससे नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसी कारण नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।बांध प्रबंधन द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बरगी बांध के 21 में से 17 गेट खोल दिए गए हैं। इन गेटों से लगभग 2 लाख 92 हजार 514 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।
Jabalpur News: एरियल व्यू से बरगी बांध का दृश्य बेहद विहंगम और रोमांचकारी नजर आ रहा है लेकिन इसके साथ ही यह खतरे की भी घंटी बजा रहा है। बांध का जलस्तर तेज़ी से बढ़ने पर प्रबंधन ने अतिरिक्त पानी निकालने के लिए गेटों की ऊंचाई और संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है। बांध के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजेश सिंह गौंड ने जानकारी दी कि यदि कैचमेंट एरिया में बारिश यूं ही जारी रही तो और गेट खोले जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बरगी बांध की अधिकतम ऊंचाई 422.75 मीटर है, लेकिन ऑपरेशन मैन्युअल के मुताबिक 31 जुलाई तक जलस्तर को 417.50 मीटर तक सीमित रखना अनिवार्य है। इसी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।
Jabalpur Bargi Dam: बरगी बांध के गेट खुलने के बाद नर्मदा नदी के जलस्तर में तेज़ी से वृद्धि हुई है। जबलपुर समेत नर्मदा के तटीय जिलों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और आमजन से नर्मदा किनारे न जाने की अपील की गई है। नर्मदा की तेज धार और उफान का असर विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट धुआंधार पर भी देखने को मिल रहा है। बढ़ते जलस्तर के कारण धुआंधार जलप्रपात के दोनों छोर समतल हो चुके हैं। लम्हेटा से भेड़ाघाट को जोड़ने वाला मार्ग भी बाणगंगा पुल के जलमग्न होने से बंद कर दिया गया है। जिला प्रशासन संभावित जलप्लावन और आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। नर्मदा किनारे स्थित पुलों व तटीय क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासनिक टीमें तैनात कर दी गई हैं। जलस्तर यदि इसी तरह बढ़ता रहा तो निचले इलाकों में जनजीवन पर बड़ा असर पड़ सकता है।

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