जबलपुर: Liquor Price: जबलपुर में शराब की ओवरप्राइसिंग के मुद्दे को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। शराब दुकानों से एमआरपी से अधिक दाम पर शराब बेचे जाने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
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Liquor Price: कोर्ट ने वाणिज्यिक कर विभाग आबकारी आयुक्त और कलेक्टर जबलपुर को भी नोटिस जारी किया है और शराब की ओवरप्राइसिंग पर सभी से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि जबलपुर में आबकारी विभाग की शह पर शराब दुकानों द्वारा एमआरपी से अधिक दाम वसूले जा रहे हैं।
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Liquor Price: याचिका में यह भी दावा किया गया है कि इस ओवरप्राइसिंग के ज़रिए ब्लैक मनी एकत्र की जा रही है और करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी हो रही है। हाईकोर्ट ने फिलहाल राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों को चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं जिसके बाद इस मामले पर अगली सुनवाई की जाएगी।
"शराब की ओवरप्राइसिंग क्या है?"
जब शराब दुकानदार निर्धारित एमआरपी (Maximum Retail Price) से अधिक मूल्य पर शराब बेचते हैं, तो उसे शराब की ओवरप्राइसिंग कहा जाता है। यह एक गैरकानूनी कार्य है।
"क्या शराब की ओवरप्राइसिंग के खिलाफ कोर्ट में शिकायत की जा सकती है?"
हाँ, यदि शराब एमआरपी से अधिक कीमत पर बेची जा रही है, तो उपभोक्ता या जागरूक नागरिक हाईकोर्ट या उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर कर सकते हैं, जैसा कि जबलपुर में हुआ।
"शराब की ओवरप्राइसिंग की निगरानी कौन करता है?"
आबकारी विभाग (Excise Department) और संबंधित जिला कलेक्टर ओवरप्राइसिंग की निगरानी और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार होते हैं।
"अगर किसी दुकान पर शराब की ओवरप्राइसिंग हो रही है तो शिकायत कहां करें?"
आप जिला आबकारी अधिकारी, स्थानीय पुलिस या राज्य उपभोक्ता फोरम में इसकी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
"क्या शराब की ओवरप्राइसिंग से सरकार को राजस्व का नुकसान होता है?"
हाँ, टैक्स चोरी और ब्लैक मनी के ज़रिए सरकार को बड़ा राजस्व नुकसान होता है, जैसा कि इस याचिका में बताया गया है।