जबलपुर :1020 ton Fertilizer Fraud जबलपुर में सरकारी कोटे से गायब हुआ 1 हजार 20 मीट्रिक टन यूरिया अब तक तलाशा नहीं जा सका है। हांलांकि यूरिया ट्रांसपोर्टर कंपनी पर हुई एफआईआर के बाद कंपनी ने आज 3 हजार मीट्रिक टन यूरिया का नया रैक जबलपुर पहुंचा दिया है लेकिन व्यापारियों को पहले बेच दिए गए सरकारी यूरिया का क्या होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है। मामले में कृषि विभाग और विपणन संघ के अधिकारी भी सवालों के घेरे में हैं क्योंकि सरकारी यूरिया खरीदने वाले व्यापारियों पर अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई है।
हांलांकि जबलपुर कलेक्टर का कहना है कि मामले की जांच जारी है जिसमें कृभको श्याम कंपनी के 4 अधिकारियों पर एफआईआर के अलावा कंपनी को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया है। बता दें कि बीती 25 अगस्त को जबलपुर में करीब 2800 टन यूरिया भेजा गया था। जिसमें से 1800 टन यूरिया मंडला, सिवनी, दमोह,नरसिंहपुर,छिंदवाड़ा जिलों में भेजा जाना था। लेकिन इसमें से 1020 टन सरकारी यूरिया जिलों में भेजने की बजाय व्यापारियों को बेच दिया गया था।
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करोड़ो का है घोटाला
यूरिया की मार्केट वैल्यू का यदि हम अनुमान लगाए, तो एक किलो यूरिया मार्केट में 40 रुपये का मिलता है। तो इस हिसाब से 1 टन यूरिया की कीमत 40,000 हजार रुपये है। लेकिन मामला यहां 1020 टन यूरिया का है। जिसकी मार्केट वैल्यू देखें तो करोड़ो की चोरी निकल के आती है। आपको बता दें यदि हम 40x1000x 1020 निकालें तो 40,800,000 निकल के सामने आता है।
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9 hours ago