400 year old temple of Lord Kartikeya : ग्वालियर। कार्तिक पूणिमा के दिन तो समूचे देश में परंपरा से सरोकार रखने वाले लोग कार्तिक पूणिमा मनाते है और इस दिन स्नान-ध्यान पूजन का सिलसिला चलता है। लेकिन ग्वालियर में कार्तिक पूणिमा के दिन अनूठे कार्तिकये मंदिर में साल में केवल एक दिन कार्तिकेय भगवान के दर्शन और पूजा पाठ किया जाता है। ग्वालियर का लगभग 400 सौ साल पुराना यह कार्तिकेय भगवान का मंदिर है।
400 year old temple of Lord Kartikeya :; इस मंदिर मे भगवान कार्तिकेय के दर्शन केवल कार्तिक पूणिमा को किये जाते है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन अलसुबह से ही विशेष पूजन के साथ दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाता है। पुजारी के मुताबिक 450 सौ साल पुराने कार्तिकेय मंदिर की इस प्रथा की अपनी अलग ही पहचान है।
400 year old temple of Lord Kartikeya : ग्वालियर में कार्तिकेय मंदिर के इस प्रथा के पीछे कथा है कि जब भगवान कार्तिकेय अपने माता पिता शिव और पार्वती से रुष्ठ होकर चले गये और यह धोषणा की कोई भी स्त्री,पुरूष उनके दर्शन नहीं कर सकता हैं। लेकिन बाद मैं उन्हे मनाने पर उनने यह वरदान दिया की केवल जन्मदिवस कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो कोई उनके दर्शन करेगा उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।
कार्तिक पूर्णिमा को भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने देश प्रदेश के कई हिस्सों से आने वाले भक्त यहाँ अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुचते है। आस्था में डूबे इन भक्तों का विश्वास है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने से उनकी हर मनोकामनाये पुर्ण होती है।