मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पौष्टिकता के लिए अंडों के बजाय गाय के दूध के सेवन की सलाह दी
मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पौष्टिकता के लिए अंडों के बजाय गाय के दूध के सेवन की सलाह दी
इंदौर, 22 अक्टूबर (भाषा) गाय के दूध को पोषक तत्वों से भरपूर बताते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को लोगों को सलाह दी कि उन्हें पौष्टिकता के लिए अंडों के बजाय गाय के दूध के सेवन को तरजीह देनी चाहिए।
यादव, इंदौर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर हातोद में एक गोशाला में ‘गोवर्धन पूजा’ के कार्यक्रम में शामिल हुए।
उन्होंने इस दौरान एक सभा में पौष्टिक गुणों के लिए गाय के दूध की जमकर तारीफ करते हुए कहा,‘‘जिसके घर में गोमाता होती है, उसके बच्चों सहित परिवार के सभी सदस्य वैसे ही स्वस्थ रहते हैं। यह अपने यहां परमात्मा की लीला है।’’
मुख्यमंत्री ने देश में अंडों के उपभोग को बढ़ावा देने के लिए बरसों पहले पेश किए गए मशहूर नारे “संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे” पर निशाना भी साधा।
उन्होंने कहा,‘‘काहे के लिए संडे हो या मंडे…फालतू की बात। काहे के लिए जबर्दस्ती खाओ अंडे। जो अंडे-डंडे हैं, उनको खिलाते रहो। अपना तो गाय का दूध पियो और मजे लो।’’
यादव ने कहा,‘‘गाय के दूध में कई पोषक तत्व होते हैं। जो व्यक्ति गाय के दूध और घी का रोज आनंद लेता है, वह अपनी कई बीमारियां समाप्त करता है। गाय का दूध और इससे बने पदार्थ रोगों के खिलाफ एक कवच के रूप में हमारा जीवन सुरक्षित करते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के बड़े शहरों में एक अभियान के तहत 10,000 से ज्यादा गायों की क्षमता वाली गोशालाओं का निर्माण किया जा रहा है ताकि खासकर बीमार और बेसहारा गायों को बचाया जा सके।
सूबे में पौष्टिक आहार के रूप में अंडों के उपयोग को लेकर लंबे वक्त से राजनीतिक बहस चल रही है। इसकी एक नजीर तब मिली, जब कमलनाथ की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान वर्ष 2019 में कुपोषण से लड़ने के उपाय के तौर पर आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडे परोसने के प्रस्ताव के बारे में विचार किया गया था।
इस प्रस्ताव पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया था कि कमलनाथ सरकार लोगों की धार्मिक आस्था से खिलवाड़ कर रही है।
भाषा हर्ष नोमान
नोमान

Facebook



