मप्र : ब्राह्मण समुदाय पर विवादित टिप्पणी के मामले में अदालत ने पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी

मप्र : ब्राह्मण समुदाय पर विवादित टिप्पणी के मामले में अदालत ने पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी

मप्र : ब्राह्मण समुदाय पर विवादित टिप्पणी के मामले में अदालत ने पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी
Modified Date: December 4, 2025 / 09:29 pm IST
Published Date: December 4, 2025 9:29 pm IST

इंदौर, चार दिसंबर (भाषा) इंदौर की एक अदालत ने ब्राह्मण समुदाय को लेकर विवादित टिप्पणी के मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी के खिलाफ दायर शिकायत पर बृहस्पतिवार को पुलिस को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

आईएएस अधिकारी और मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के नवनियुक्त अध्यक्ष संतोष वर्मा पर ब्राह्मण समुदाय को लेकर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए स्थानीय वकील शैलेंद्र द्विवेदी ने जिला अदालत में यह शिकायत दायर की है।

इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने शहर के तुकोगंज थाना प्रभारी को निर्देशित किया कि वह आगामी 20 जनवरी तक अदालत के सामने स्थिति रिपोर्ट पेश करें।

 ⁠

द्विवेदी ने शिकायत में कहा है कि वर्मा ने भोपाल में पिछले महीने अजाक्स के एक कार्यक्रम के दौरान ब्राह्मण समुदाय की बेटियों के बारे में ‘बेहूदा, अश्लील, घटिया और निम्न स्तर की टिप्पणी’ की थी।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आईएएस अधिकारी की इस टिप्पणी से सामाजिक समरसता को ठेस पहुंची है और दो समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा हुआ है।

शिकायतकर्ता वकील ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह पुलिस को आईएएस अधिकारी के खिलाफ संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने और इसकी जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश का दे।

द्विवेदी ने कहा कि उन्होंने तुकोगंज पुलिस थाने में वर्मा के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी, लेकिन इस पर प्राथमिकी दर्ज नहीं किए जाने के कारण उन्हें जिला अदालत की शरण लेनी पड़ी।

वर्मा की विवादित टिप्पणी को लेकर सूबे के सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें 26 नवंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और पूछा था कि क्यों न उनकी टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए?

अपने बयान पर विवाद बढ़ने के बाद वर्मा ने मीडिया के सामने सफाई देते हुए कहा था कि उनके लंबे भाषण के एक छोटे-से हिस्से को चुनिंदा तौर पर प्रसारित किया गया था और उनका इरादा किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।

आईएएस अधिकारी ने यह भी कहा था कि ‘तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए’ उनके बयान से अगर किसी समुदाय की भावनाएं आहत हुई हों, तो वह खेद प्रकट करते हैं।

भाषा हर्ष

नोमान

नोमान


लेखक के बारे में