भोपाल, आठ जून (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने को लेकर‘‘सामान्य धाराओं’’ के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। प्रदेश के गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने यह जानकारी दी।
लॉकडाउन के दौरान मास्क नहीं पहनने या सार्वजनिक रूप से एकत्र होने जैसी गतिविधियों के लिए भारतीय दंड संहिता और महामारी अधिनियम के तहत संक्रमण फैलने की आशंका के आधार पर लोगों के खिलाफ 56,000 से अधिक मामले दर्ज किए थे।
मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, “मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार ने लॉकडाउन अवधि के दौरान कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के लिए सामान्य धाराओं (गैर-गंभीर अपराधों के लिए लागू) के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने का फैसला किया है।’’
अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) गृह डॉ राजेश राजोरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 20 मार्च, 2020 से 30 जून, 2020 तक की पहली लॉकडाउन अवधि के दौरान आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा घोषित आदेश की अवज्ञा) के तहत कुल 32,463 मामले और महामारी अधिनियम के तहत 669 मामले दर्ज किए गए थे। इसी तरह, 13 मार्च, 2021 और 19 जून, 2021 के बीच लॉकडाउन की दूसरी अवधि के दौरान, कुल 22,336 मामले आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज किए गए और 1,202 मामले महामारी अधिनियम के तहत दर्ज किए गए।
राज्य में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए मार्च 2020 में देशव्यापी और बाद में विभिन्न चरणों में लॉकडाउन लागू किया गया था।
प्रदेश के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, राज्य में चार जून तक कुल 10,56,341 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए और 10,786 लोगों की मौत हुई। वर्तमान में मध्य प्रदेश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या पांच है।
भाषा दिमो सिम्मी
सिम्मी
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