भोपाल, 27 मई (भाषा) भोपाल की एक अदालत ने मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में 13 स्थानों पर रात भर की छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस से जुड़े आतंकी मॉड्यूल के कथित तीन लोगों को शनिवार को तीन जून तक राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया। एक अभियोजक ने यह जानकारी दी।
विशेष अभियोजक अधिवक्ता दीपेश जोशी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को भोपाल में एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल के सामने पेश किया गया और संघीय जांच एजेंसी ने अदालत से आगे की जांच के लिए इनकी हिरासत मांगी।
उन्होंने कहा कि इस पर अदालत ने इन तीनों को तीन जून तक एक सप्ताह के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
इसके कुछे घंटे पहले एनआईए के एक अधिकारी ने बताया था कि इस जांच एजेंसी ने मध्य प्रदेश में तीन लोगों को गिरफ्तार कर आईएसआईएस से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है।
एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के साथ खुफिया विभाग के नेतृत्व वाले संयुक्त अभियान में जबलपुर में 13 स्थानों पर रातभर की गई छापेमारी के दौरान इन तीनों लोगों को गिरफ्तार किया गया।
इसके बाद इन तीनों को जबलपुर से भोपाल लाकर यहां एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया।
प्रवक्ता ने बताया कि छापेमारी के दौरान धारदार हथियार, गोला-बारूद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किये गये।
एनआईए ने 24 मई को खान की आईएसआईएस समर्थक गतिविधियों की जांच के दौरान एक मामला दर्ज किया था, जो पिछले साल अगस्त में एजेंसी के संज्ञान में आया था।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘एनआईए को पता चला कि वह और उसके सहयोगी आईएसआईएस के इशारे पर भारत में आतंकवादी हमले करने के लिए सोशल मीडिया मंच का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह मॉड्यूल स्थानीय मस्जिदों और घरों में बैठकें करता रहा है और देश में आतंक फैलाने की साजिश रचता रहा है।’’
अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि तीनों आरोपी कट्टरपंथी है और हिंसक ‘‘जिहाद’’ को अंजाम देने के लिए दृढ़ थे।
उन्होंने कहा, ‘‘वे धन इकट्ठा करने, आईएसआईएस प्रचार सामग्री का प्रसार करने, युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के उद्देश्य से हथियार और गोला-बारूद खरीदने की कोशिश में लगे हुए थे।’’
अधिकारी ने कहा कि अली ने ‘फिसाबिलिल्लाह’ नाम से एक स्थानीय समूह बनाया था और उसी नाम से एक व्हाट्सएप समूह भी संचालित कर रहा था। उन्होंने कहा कि वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पिस्तौल खरीदने की कोशिश कर रहा था और इस उद्देश्य के लिए जबलपुर स्थित एक अवैध हथियार आपूर्तिकर्ता के संपर्क में था।
अधिकारी ने कहा कि खान युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने के लिए प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए कई यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप चैनल भी चला रहा था।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जांच में पता चला है कि शाहिद ने भारत में हिंसक हमलों के लिए पिस्तौल, विस्फोटक उपकरण और ग्रेनेड सहित हथियार खरीदने की भी योजना बनाई थी।’’
स्थानीय सूत्रों के अनुसार एनआईए ने जबलपुर में दो वकीलों के ठिकानों सहित 13 स्थानों पर छापेमारी की।
वकील ने पीटीआई-भाषा को फोन पर कहा, ‘‘हां एनआईए की टीम ने सिविल लाइंस में रात 11 बजे से रात दो बजे के बीच मेरे घर में छापेमारी की। चूंकि मेरा बेटा और मैं घर में नहीं थे, इसलिए उन्होंने मेरी पत्नी को नोटिस देकर मेरे बेटे को 27 मई को सीआईडी कार्यालय भोपाल बुलाया है।’’
वकील ने दावा किया, ‘‘ एजेंसी एक व्हाट्सएप समूह से जुड़े युवाओं को पकड़ रही है, लेकिन मेरा बेटा उस समूह से जुड़ा नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने बेटे का बयान दर्ज कराने के लिए उसे भोपाल ले जा रहा हूं।’’
सूत्रों के मुताबिक एनआईए की टीम ने करीब एक दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए अभिरक्षा में लिया था, जिनमें से तीन लोगों को गिरफ्तार किया और अन्य को पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
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राजकुमार
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