Mandsaur News: श्मशान में गधों से चलवाया हल, इंद्रदेव भी हुए खुश.. अब गुलाब जामुन से हुआ सम्मान, ग्रामीणों का ये अनोखा टोटका आया काम

Mandsaur News: श्मशान में गधों से चलवाया हल, इंद्रदेव भी हुए खुश.. अब गुलाब जामुन से हुआ सम्मान, ग्रामीणों का ये अनोखा टोटका आया काम

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  • Publish Date - September 1, 2025 / 01:58 PM IST,
    Updated On - September 1, 2025 / 01:58 PM IST

Mandsaur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • गधों का सम्मान और इंद्रदेव की मेहरबानी,
  • मंदसौर में अनोखे टोटके से आई बारिश,
  • गुलाब जामुन खिलाकर जताया आभार,

मंदसौर: Mandsaur News:  मंदसौर में इंद्रदेव को मनाने का अनोखा टोटका काम कर गया और बारिश के देवता खुश हुए और जिले में अच्छी बारिश हो गई। अब बारी आई उन्हीं गधों का सम्मान करने की जिनसे टोटका किया गया था। जी हाँ मंदसौर में गधों को गुलाब जामुन खिलाकर और माला पहनाकर सम्मानित किया गया। मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर गुलाब जामुन की थाली सजाई गई और गधों को गुलाब जामुन खिलाते व माला पहनाते हुए जो नज़ारा सामने आया वह देखने लायक था।

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Mandsaur News:  मंदसौर में अच्छी बारिश होने पर इन दोनों गधों को गुलाब जामुन खिलाए गए और इस तरह बारिश की खुशी में अनोखा जश्न मनाया गया। दरअसल कुछ दिन पहले जिले में बारिश नहीं हो रही थी तो श्मशान घाट में दो गधों से हल चलवाकर इंद्रदेव से अच्छी बारिश की प्रार्थना की गई। ग्रामीणों का मानना था कि इस टोटके से इंद्रदेव प्रसन्न होंगे। और हुआ भी वही इंद्रदेव मेहरबान हुए और जिले में झमाझम बारिश हुई। अब जब बारिश हो गई तो ग्रामीणों ने दोनों गधों का सम्मान किया। उन्हें न केवल गुलाब जामुन खिलाए गए बल्कि फूलों की मालाएँ पहनाकर उनका अभिनंदन भी किया गया। तो यह था मंदसौर का अनोखा नज़ारा जहाँ गधों ने निभाई बारिश बुलाने की अहम भूमिका और अब ग्रामीणों ने जताया उनका आभार। इंसानों से ज़्यादा तो यहाँ गधों की कद्र हो गई गुलाब जामुन खाकर गधे भी खुश और किसान भी।

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Mandsaur News:  बता दें कि यह दृश्य मध्य प्रदेश के मंदसौर का है। मानसून आने के बाद भी मंदसौर में अच्छी बारिश नहीं हो रही थी। एक मान्यता के अनुसार अच्छी बारिश के लिए गधों से श्मशान में हल चलवाया गया था और नमक की बुआई की गई थी। इस टोटके के बाद बारिश हुई तो ग्रामीणों ने गधों को ढेर सारे गुलाब जामुन खिलाए। चंद्रपूरा के पार्षद शैलेंद्र गिरी गोस्वामी ने बताया कि राजपूत समाज के अध्यक्ष सोहन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में यह टोटका किया गया था। ग्रामीणों का मानना है कि उनके पूर्वजों ने यह उपाय बताया था जब भी बारिश नहीं होती तो इस टोटके का सहारा लिया जाता है और यह काफी कारगर साबित होता है।

"Mandsaur Rain Ritual" क्या है?

Mandsaur Rain Ritual एक पारंपरिक टोटका है, जिसमें बारिश लाने के लिए गधों से श्मशान में हल चलवाया जाता है और नमक की बुआई की जाती है।

"Mandsaur Donkey Worship" क्यों किया गया?

बारिश होने के बाद Mandsaur Donkey Worship के तहत गधों को गुलाब जामुन खिलाकर और फूलों की माला पहनाकर सम्मानित किया गया।

"Mandsaur Monsoon News" में यह घटना कब और कहाँ घटी?

यह घटना मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में, पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर देखने को मिली, जब बारिश के बाद ग्रामीणों ने अनोखा जश्न मनाया।

क्या यह "Mandsaur Unique Tradition" पहले भी किया गया है?

हाँ, ग्रामीणों का मानना है कि यह Mandsaur Unique Tradition उनके पूर्वजों द्वारा किया जाता था और जब भी बारिश नहीं होती, तब इस टोटके का सहारा लिया जाता है।

"Mandsaur Rain Celebration" में किसने भाग लिया?

Mandsaur Rain Celebration में चंद्रपूरा के पार्षद शैलेंद्र गिरी गोस्वामी और राजपूत समाज के अध्यक्ष सोहन सिंह भदौरिया की भूमिका प्रमुख रही।