जबलपुरः अक्सर घपले-घोटालों के चलते छात्र संगठनों के निशाने पर रहने वाली एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी की एक और कारगुजारी का खुलासा हुआ है। छात्र संगठनों के आरोपों पर हुई जांच में खुलासा हुआ कि आज तक मेडिकल यूनिवर्सिटी का ऑडिट ही नहीं हुआ है यानि साल 2016 में एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद अब तक विश्वविद्यालय में कितना फण्ड आया, कितना पैसा खर्च हुआ इसकी आज तक कोई ऑडिट रिपोर्ट ही नहीं है।
कार्यपरिषद सदस्यों का ये भी कहना है कि यूनिवर्सिटी के फण्ड में करीब 200 करोड़ रुपए हैं जिन्हें ज्यादा की बजाय कम ब्याज देने वाले बैंकों में डिपॉज़िट रखा गया जिससे यूनिवर्सिटी को आर्थिक नुकसान हुआ। इस तथ्य के सामने आने के बाद मेडिकल यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद के 2 सदस्यों ने मामले की ईओडब्लू जांच करवाने की मांग की है। इधर मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अशोक खण्डेलवाल ने मामले की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात की है।
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बता दें कि प्रदेश की इकलौती मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर में स्थित है जिसके अधीन राज्य के तमाम मेडिकल, पैरामेडिकल, नर्सिंग और आयुष कॉलेज आते हैं। छात्रों को पास-फेल करने के फर्जीवाड़े से यूनिवर्सिटी की फजीहत पहले हो चुकी है और अब आर्थिक गड़बड़ियों से यूनिवर्सिटी फिर विवादों में है।
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2 hours ago