बैकलॉग और नि:शक्तजन की भर्ती को लेकर सरकार बड़ा फैसला, विशेष भर्ती अभियान की समय सीमा एक साल बढ़ाई |MP Cabinet Design: One year increase in backlog and special recruitment drive for vacancies of disabled

बैकलॉग और नि:शक्तजन की भर्ती को लेकर सरकार बड़ा फैसला, विशेष भर्ती अभियान की समय सीमा एक साल बढ़ाई

बैकलॉग और नि:शक्तजन की भर्ती को लेकर शिवराज सरकार बड़ा फैसला! MP Cabinet Design: One year increase in backlog and special recruitment drive for vacancies of disabled

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : September 13, 2021/10:07 pm IST

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के बैकलॉग/ कैरीफारवर्ड पदों तथा निःशक्तजनों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा एक जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 तक एक वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।

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एथेनॉल एवं जैव ईधन के उत्पादन को प्रोत्साहन के लिए वित्तीय सहायता योजना
मंत्रि-परिषद द्वारा एथेनॉल एवं जैव ईधन के उत्पादन के प्रोत्साहन के लिए वित्तीय सहायता योजना जारी किये जाने का निर्णय लिया गया। उत्पादन से जुड़े प्लांट एवं मशीनरी मे किये गये पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक, पेट्रोलियम तेल उत्पादन कंपनियों को इकाई द्वारा उत्पादित एथेनॉल प्रदाय करने पर 1.50 रूपये प्रति लीटर की वित्तीय सहायता वाणिज्यिक उत्पादन की दिनांक से 7 वर्ष के लिये प्रदान की जायेगी। इकाइयों के लिए भूमि क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी। वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 5 साल के लिए विद्युत शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दी जायेगी। गुणवत्ता प्रमाणन प्रतिपूर्ति गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50 प्रतिशत या 1 लाख रूपये जो भी कम हो, दी जायेगी। 100 प्रतिशत पेटेंट शुल्क की प्रतिपूर्ति 5 लाख रूपये तक की सीमा तक की जायेगी। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सुविधा के लिये इक्विपमेंट पर 50 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान, जो 1 करोड़ रूपये की अधिकतम सीमा तक होगा, प्रदान किया जाएगा। उद्योग के लिए निजी/ आवंटित अविकसित शासकीय भूमि पर पानी/बिजली/सड़क अधोसंरचना विकास के लिए परियोजना पर हुए व्यय के 50 प्रतिशत, जो प्रत्येक मद के लिये अधिकतम 1 करोड़ रूपये की सीमा तक होगा, की प्रतिपूर्ति की जाएगी। इस नीति के क्रियान्वयन के लिए एमपीआईडीसी, भोपाल नोडल एजेंसी होगी।

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मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम में संशोधन
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2017 के नियम-14 के बाद 14 (अ) जोड़ा जाने का निर्णय लिया गया। इसके अतंर्गत अभ्यर्थी से नियमित नियुक्ति के समय इस आशय का रुपये 5 लाख का बंधपत्र निष्पादित कराया जाएगा कि उसे पदभार ग्रहण करने के पश्चात् न्यूनतम 3 वर्ष तक सेवाएँ देना अनिवार्य होगा अन्यथा किसी भी कारण से त्यागपत्र देकर सेवाएँ नहीं देने पर उक्त राशि या 3 महीने के वेतन और भत्ते के बराबर राशि, जो भी अधिक हो, देना होगी। उक्त शर्तों के उल्लंघन के मामले में बांड की पूरी राशि राजसात की जा सकेगी। यदि आवेदक केन्द्र या मध्यप्रदेश राज्य की शासकीय सेवा के लिए पूर्व अनुमति के साथ त्यागपत्र देता है तो बंधपत्र की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।

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सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स के लिए 33 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा मानसिक चिकित्सालय, इन्दौर का “सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स” के रूप में उन्नयन किये जाने के लिए नवीन एस.ओ.आर दरों के अनुसार परियोजना के लिए 33.1 करोड़ रूपये की स्वीकृति और संस्था में पूर्व से स्वीकृत 25 पदों को समर्पित करते हुए 13 नवीन पदों के सृजन की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।

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चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा वर्तमान में एम.डी. साइकियाट्रिक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अन्तर्गत प्रति वर्ष 6 छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। मानसिक चिकित्सालय, इन्दौर का उन्नयन “सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स” के रूप में करने तथा नवीन पद सृजित किए जाने से मनोरोग विषय में एम.डी. की 4 सीट, क्लीनिकल साइकोलॉजी की 18 एम. फिल सीट, साइकियाट्रिक सोशल वर्क की 18 एम.फिल सीट और साइकियाट्रिक नर्सिंग डिप्लोमा कोर्स की 40 अतिरिक्त सीट प्रारम्भ की जा सकेगी।

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उपभोक्ता शुल्क (टोल) संग्रहण
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा चयनित एजेंसी के माध्यम से सागर-दमोह मार्ग पर 29 अप्रैल 2028 तक, महू-घाटाबिल्लोद मार्ग पर 13 फरवरी 2035 तक, भिण्ड-मिहौना-गोपालपुरा मार्ग पर 30 अप्रैल 2030 तक और बीना-खिमलासा-मालथोन मार्ग पर 30 अप्रैल 2035 तक उपभोक्ता शुल्क (टोल) संग्रहण किये जाने की स्वीकृति दी गई।

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कुटीर एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का प्रमोशन
मंत्रि-परिषद द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के उत्पादों का प्रमोशन, ब्राण्ड बिल्डिंग और विपणन अधोसंरचना नवीन योजना का अनुमोदन दिया गया। योजना के परियोजना अभिलेख (DPR) में प्रमुखतः तीन मदों ब्राण्ड प्रमोशन, ई-कॉमर्स प्रचार-प्रसार और विपणन अधोसंरचना विकास में व्यय किया जायेगा। यह नवीन योजना सभी ग्रामोद्योगी उत्पाद, मृगनयनी (हाथकरघा / हस्तशिल्प उत्पाद), कबीरा (खादी उत्पाद), विन्ध्या वैली (ग्रामोद्योग उत्पाद) और प्राकृत (रेशम उत्पादों) के लिये लागू होगी।

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शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय का संविलियन
मंत्रि-परिषद द्वारा शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय, छतरपुर का महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर में समस्त संसाधनों सहित संविलियन एवं पूर्व में स्वीकृत 236 पदों (प्रशासकीय 13, शैक्षणिक 140 एवं गैर शैक्षणिक 83) की पुनर्संरचना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

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