MP Crime Rate:
भोपालः MP Crime Rate: लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, बेटियों और बच्चों के लिए योजनाओं का सबसे ज्यादा प्रचार अगर किसी राज्य में होता है तो वह मध्यप्रदेश है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। ताज़ा एनसीआरबी रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। साल 2023 में देशभर में बच्चों पर अपराध के 1.77 लाख मामले दर्ज हुए, इनमें अकेले मध्यप्रदेश 22,393 मामलों के साथ सबसे ऊपर हैं। यही नहीं महिला अपराध में प्रदेश पांचवें और हत्या–अपहरण के मामलों में चौथे पायदान पर है।
लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहनों के लिए एमपी में कई सरकारी योजनाएं चल रही हैं। इसके विपरीत स्याह पहलू ये भी है कि एमपी ही देशभर में वो राज्य है, जहां बच्चे सुरक्षित नहीं कहे जा सकते, क्योंकि यहां बच्चों के साथ अपराध तेजी से बढ़े हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की क्राइम इन इंडिया 2023 की ताजा रिपोर्ट ने जो खुलासा किया है, वो सरकारी दावों के विपरीत बेहद चौंकाने वाला है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में देश में बच्चों पर अपराध के 1.77 लाख केस दर्ज हुए, जो 2022 में 1.62 लाख थे। इसमें एक साल में 9.2% की बढ़ोतरी हुई। बच्चों से जुड़े अपराध मप्र में 22,393 दर्ज किए गए। इसमें मप्र टॉप पर है । बच्चों से अपहरण और यौन अपराध के मामले सबसे ज्यादा है। मध्यप्रदेश दुष्कर्म में तीसरे स्थान पर है। यहां महिलाओं के खिलाफ अपराध 0.7% और बुजुर्गों पर 2.7% बढ़े। मप्र लगातार तीसरे साल 5वें स्थान पर रहा।
MP Crime Rate: मध्यप्रदेश में हत्या के मामलों में 2018 की तुलना में मामूली कमी आई है, जबकि अपहरण और बंधक बनाने के मामले 2018 में 8596 थे, जो 2023 में बढ़कर 11,768 दर्ज किए गए है। अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराध में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर 2023 में 2,858 मामले दर्ज हुए, जबकि 2022 में यह संख्या 2,979 और 2021 में 2,627 थी। आत्महत्या और किडनैप के मामले में मप्र तीसरे नंबर पर है। यहां 15,662 लोगों ने खुदकुशी की। वर्ष 2023 में मप्र में अपहरण की 11,768 घटनाएं हुईं ।
एनसीआरबी की रिपोर्ट पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था पर निशाना साधते हुए कहा कि यह आकड़े दुर्भाग्यपूर्ण है। जहां-जहां भाजपा की सरकार है, वहां अपराध बढ़े है तो वहीं भाजपा ने कांग्रेस के आरोप पर कहा कि कांग्रेस की सरकार में तो पीड़ितों की एफआईआर तक दर्ज नहीं होती थी। भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था अच्छी है, तभी अपराध पंजीबद्ध होते है और फरियादी को न्याय मिलता है। एमपी की एक पहचान लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना जैसी योजनाएं भी है, लेकिन एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि यह राज्य बच्चों और महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित है। सवाल सिर्फ आंकड़ों का नहीं है, बल्कि बेटियों की असली सुरक्षा का है।