36 साल भी नहीं दिया मुआवजा तो कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, कहा- गुंडों की तरह जमीन से बेदखल करना अनुचित, अब तत्कालीन कलेक्टरों से होगी वसूली
36 साल भी नहीं दिया मुआवजा तो कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, MP High Court reprimanded Govt for not giving compensation even after 36 years
High Court on Safety of Doctors
जबलपुरः मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक बार फिर सरकार को फटकार लगाई है। साल 1988 के एक मुआवजा प्रकरण को लेकर कोर्ट ने कहा कि सरकार गुंडों की तरह जमीन से बेदखल नहीं कर सकती है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो माह के भीतर मुआवजा राशि प्रतिमाह की दर से देने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने इसकी राशि कलेक्टरों से वसूली करने के भी निर्देश दिए हैं।
दरअसल, राज्य सरकार की ओर से साल 1988 में आधारताल निवासी शशि पांडे की हाईवे से लगी करीब 30 हजार स्क्वायर फिट जमीन को अधिग्रहण कर लिया था, लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया। महिला की जमीन की कीमत करोड़ों रुपए है। स्थानीय स्तर पर आवेदन लगाने के बाद इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि ताज्जुब की बात है कि सरकार है, तो कुछ भी कर सकती है। जिस तरह गुंडे लोगों की जमीन खाली कर उन्हें बेदखल करते है, अब उस तरह का काम अब राज्य सरकार और अधिकारी भी कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो माह के भीतर मुआवजा राशि प्रतिमाह की दर से देने के निर्देश भी दिए हैं। इस पर सरकार को हर हाल में दो माह में ही निर्णय लेना होगा। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में मुआवजा राशि उस समय पदस्थ रहे सभी कलेक्टर से वसूलने के निर्देश भी दिए हैं।

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