MP News: स्कूल में अब बच्चों को नहीं मार सकेंगे शिक्षक, होगी कड़ी कार्रवाई, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

स्कूल में अब बच्चों को नहीं मार सकेंगे शिक्षक, होगी कड़ी कार्रवाई, Now teachers will not be able to beat children in school, strict action will be taken

MP News: स्कूल में अब बच्चों को नहीं मार सकेंगे शिक्षक, होगी कड़ी कार्रवाई, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

Navodaya Admission 2026/ Image Credit: IBC24

Modified Date: March 6, 2025 / 01:38 pm IST
Published Date: March 6, 2025 9:07 am IST

भोपालः MP News मध्यप्रदेश के विभिन्न स्कूलों में पदस्थ शिक्षक अब बच्चों को शारीरिक दंड नहीं दे सकेंगे। राज्य सरकार ने सरकारी और निजी स्कूलों में अब छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट पर बैन लगा दिया है। अगर शिक्षक ऐसा करते हैं तो शिक्षक और जिम्मेदार कर्मचारियों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चिट्ठी के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों ये निर्देश दिया गया है।

Read More : MP Bijli Vibhag Bharti Exam Date 2025: बिजली विभाग में 2573 पदों पर भर्ती! परीक्षा की तारीख घोषित, यहां देखें एग्जाम का पूरा टाइम टेबल

MP News बता दें कि मध्यप्रदेश के अलग-अलग स्कूलों में बच्चों के साथ क्रुरता की खबरें आ रही थी। कई जगहों पर बच्चों ने स्कूल जाना भी बंद कर दिया था। इसके बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया और सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चिट्ठी के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए ऐसी हालत में कार्रवाई के लिए कहा है।

 ⁠

Read More : Electricity Department Vacancy: बिजली विभाग में 2500 से अधिक पदों पर भर्ती, 20 से शुरू होगी ऑनलाइन परीक्षा\

स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 17 (1) में शारीरिक मानसिक प्रताड़ना और भेदभाव पूरी तरह प्रतिबंधित है। साथ ही धारा 17 (2) के तहत ऐसा करना दंडनीय अपराध है। भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत शारीरिक दंड भी प्रतिबंधित है। इसलिए प्रदेश के सभी जिलों में संचालित सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों को शारीरिक दंड देने की घटनाओं की त्वरित पहचान करने और इस तरह की स्थितियों पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।