भोपाल, 15 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा के एकदिवसीय विशेष सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को एक बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की और उम्मीद जताई कि राज्य को विकसित बनाने की दिशा में यह सत्र “काफी परिणामकारी” साबित होगा।
मध्यप्रदेश विधानसभा के पहले सत्र के 69 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 17 दिसंबर को यह विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में प्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में सरकार की योजनाओं और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।
तोमर ने संवाददाताओं से कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा के इतिहास में 17 दिसंबर का विशेष महत्व है और पिछली बार भी सदन में इसका उल्लेख किया गया था।
उन्होंने कहा, “इस बार इस अवसर पर विशेष सत्र बुलाया गया है। इसमें सभी सदस्य ‘विकसित मध्यप्रदेश’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी कदमों पर विचार-विमर्श करेंगे।”
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पूर्वजों ने प्रतिकूल परिस्थितियों में मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने का काम किया और आज प्रदेश पहले की तुलना में कहीं अधिक सक्षम है।
उन्होंने कहा, “आज मध्यप्रदेश की गिनती विकासशील राज्यों में होती है और कई क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित हुए हैं। आने वाले समय में मध्यप्रदेश को ‘विकसित मध्यप्रदेश’ बनाने की जिम्मेदारी वर्तमान पीढ़ी पर है।”
तोमर ने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए व्यापक चर्चा और उसके निष्कर्षों के आधार पर आगे बढ़ना जरूरी है।
उन्होंने कहा, “इसी दृष्टि से मुझे लगता है कि यह सत्र काफी परिणामकारी सिद्ध होगा।”
मध्यप्रदेश एक नंवबर 1956 को राज्य पुर्नगठन के बाद अस्तित्व में आया था और इसके कुछ ही दिनों बाद 17 दिसंबर 1956 को विधानसभा का पहला अधिवेशन बुलाया गया था।
पिछले वर्ष 17 दिसंबर को विधानसभा के पहले सत्र की 68वीं वर्षगांठ मनाई गई थी, जबकि इस वर्ष 69वीं वर्षगांठ के अवसर पर विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है।
भाषा ब्रजेन्द्र खारी
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