Samvida Karmchari ka Niyamitikaran Kab Hoga: नए साल से पहले संविदा कर्मचारियों को एक साथ मिली जिंदगी भर की खुशियां, नियमितीकरण के साथ मिलेगी पेंशन सहित सभी सुविधाएं, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Samvida Karmchari ka Niyamitikaran Kab Hoga: नए साल से पहले संविदा कर्मचारियों को एक साथ मिली जिंदगी भर की खुशियां, नियमितीकरण के साथ मिलेगी पेंशन सहित सभी सुविधाएं, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

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  • Publish Date - December 15, 2025 / 02:56 PM IST,
    Updated On - December 15, 2025 / 02:56 PM IST

Samvida Karmchari ka Niyamitikaran Kab Hoga: नए साल से पहले संविदा कर्मचारियों को एक साथ मिली जिंदगी भर की खुशियां / Image: IBC24 Customized

HIGHLIGHTS
  • हाईकोर्ट ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला सुनाया
  • नियुक्ति की तारीख से ही नियमित माना जाएगा
  • लंबे समय तक सेवा देने वाले कर्मचारी को अस्थायी नहीं रखा जा सकता

जोधपुर: Samvida Karmchari ka Niyamitikaran Kab Hoga लंबे समय से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों को आखिरकार नए साल से पहले सौगात मिल ही गई। जी हां राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीछ ने संविदा कर्मचारियों के हित में फैसला सुनाते हुए कहा है कि किसी कर्मचारी से अगर विभाग ने दशकों तक काम लिया है, तो उसे केवल अस्थायी बताकर नियमितीकरण से वंचित नहीं किया जा सकता। इसके सा​थ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि संविदा कर्मचारियों को ना सिर्फ नियमित किया जाए, बल्कि उन्हें पेंशन सहित सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं प्रदान किया जाए।

नियमितीकरण के साथ मिलेंगी सभी सुविधाएं

Samvida Karmchari ka Niyamitikaran Kab Hoga कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ताओं को उनकी शुरुआती नियुक्ति की तारीख से ही नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी माना जाएगा। इसके साथ ही उन्हें पेंशन और सेवानिवृत्ति से जुड़े सभी लाभ दिए जाएंगे। यह फैसला उन कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है, जिन्होंने करीब चार दशक तक विभाग में सेवाएं दीं, लेकिन उन्हें कभी नियमित नहीं किया गया।

लंबे समय तक कर्मचारी को अस्थाई नहीं रखा जा सकता

कोर्ट ने माना कि इतने लंबे समय तक लगातार सेवा देना किसी भी तरह से अस्थायी नहीं कहा जा सकता। यदि कोई कर्मचारी वर्षों तक एक ही विभाग में काम करता है, तो उसकी सेवा को मूल सेवा माना जाना चाहिए। इसी आधार पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया। बता दें कि मामले की शुरुआत सत्यनारायण शर्मा की नियुक्ति से होती है। उन्हें 5 अगस्त 1981 को पंचायत समिति लूणकरणसर में गेट कीपर के पद पर अस्थायी रूप से लगाया गया था। बाद में वर्ष 1992 में उनका पद बदलकर चुंगी नाका रक्षक कर दिया गया। इसके बावजूद वे लगातार उसी व्यवस्था के तहत काम करते रहे।

याचिकाकर्ता को नहीं मिला लाभ

वर्ष 1998 में राज्य सरकार ने ऑक्ट्रॉय यानी चुंगी से जुड़े कर्मचारियों की छंटनी नहीं करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद सत्यनारायण शर्मा ने 14 अगस्त 1981 से ग्राम पंचायत लूणकरणसर में निरंतर सेवाएं दीं। इसके बावजूद उनका दर्जा अस्थायी ही बनाए रखा गया। सरकार की ओर से यह तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति नियमित भर्ती प्रक्रिया के तहत नहीं हुई थी। जिला परिषद बीकानेर ने वर्ष 2007 में अधिशेष कर्मचारियों की सूची भेजी और 2016 में ग्रामीण विकास विभाग ने कुछ कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश दिए, लेकिन याचिकाकर्ताओं को इसका लाभ नहीं दिया गया।

नहीं मांग सकेंगे एरियर

हाईकोर्ट ने सरकार के इस तर्क को स्वीकार नहीं किया। अदालत ने पूर्व में दिए गए फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि इतनी लंबी अवधि की सेवा को अस्थायी नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को नियमित माना जाएगा और उन्हें पेंशन सहित सभी सेवानिवृत्ति लाभ मिलेंगे, हालांकि वे वेतन निर्धारण के आधार पर किसी प्रकार के एरियर की मांग नहीं कर सकेंगे। इस फैसले से कुल 11 कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। इनमें पाली और भीलवाड़ा जिलों के कर्मचारी शामिल हैं।

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संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर फैसला सुनाया है?

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर फैसला सुनाया है।

नियमितीकरण के साथ संविदा कर्मचारियों को कौन सी सुविधाएं मिलेंगी?

नियमितीकरण के साथ संविदा कर्मचारियों को पेंशन सहित सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

कोर्ट ने कर्मचारियों को नियमित किस तारीख से मानने का आदेश दिया है?

कोर्ट ने कर्मचारियों को उनकी शुरुआती नियुक्ति की तारीख से ही नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मानने का आदेश दिया है।

फैसले के तहत क्या कर्मचारी एरियर की मांग कर सकेंगे?

फैसले के तहत कर्मचारी वेतन निर्धारण के आधार पर किसी प्रकार के एरियर की मांग नहीं कर सकेंगे।

यह ऐतिहासिक फैसला कुल कितने कर्मचारियों को सीधा लाभ देगा?

यह ऐतिहासिक फैसला कुल 11 कर्मचारियों को सीधा लाभ देगा।