Publish Date - August 15, 2025 / 08:15 PM IST,
Updated On - August 15, 2025 / 08:19 PM IST
Panna News/Image Source: IBC24
HIGHLIGHTS
नकली पनीर फैक्ट्री का भंडाफोड़,
मिलावटी दूध का खेल खत्म,
पन्ना में डेयरी पर छापा,
पन्ना: Panna News: पन्ना जिले के बृजपुर में दूध पाउडर से नकली पनीर और मिलावटी दूध बनाने का गोरखधंधा पकड़ा गया है। राजस्व और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने आज एक दुग्ध डेयरी पर छापा मारा, जहां भारी मात्रा में मिलावटी सामान मिला।
Panna News: हालांकि टीम के पहुंचने से पहले ही डेयरी संचालक मौके से फरार हो गया। छापे के दौरान डेयरी में 1 क्विंटल नकली पनीर, आधा बोरा दूध पाउडर और साथ मे परिसर में भारी गंदगी का अंबार मिला। पूरे परिसर में भयंकर बदबू फैली हुई थी जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां किस तरह की अनियमितताएं चल रही थीं।ग्रामीणों ने भी बताया कि इस डेयरी में लंबे समय से मिलावट की शिकायतें मिल रही थीं।
Panna News: बांदा, उत्तर प्रदेश के रहने वाले सुरेश कुमार साहू पर अब कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है। टीम ने डेयरी में मिली अनियमितताओं को देखते हुए उसे सील कर दिया है। इस कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार राय और राजस्व निरीक्षक एस.के. भट्ट सहित उनकी टीम शामिल थी। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और प्रशासन ने मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
नकली पनीर कैसे बनाया जा रहा था इस "दूध मिलावट" मामले में?
उत्तर: इस मामले में नकली पनीर दूध पाउडर और अन्य मिलावटी केमिकल्स को मिलाकर तैयार किया जा रहा था, जिससे पनीर की बनावट तो सही लगती थी लेकिन वह सेहत के लिए खतरनाक था।
इस "दूध मिलावट" की शिकायत पहले भी की गई थी क्या?
उत्तर: हां, ग्रामीणों ने बताया कि इस डेयरी में काफी समय से मिलावट की शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन अब प्रशासन ने कार्रवाई की है।
क्या "दूध मिलावट" करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया है?
उत्तर: फिलहाल आरोपी सुरेश कुमार साहू छापा पड़ने से पहले ही फरार हो गया है, लेकिन उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
"दूध मिलावट" की जांच में किन अधिकारियों ने हिस्सा लिया?
उत्तर: इस छापेमारी में खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार राय, राजस्व निरीक्षक एस.के. भट्ट और उनकी टीम शामिल थी।
ऐसे "दूध मिलावट" मामलों में आम जनता क्या कर सकती है?
उत्तर: आम जनता को ऐसे मामलों की तुरंत सूचना खाद्य विभाग या स्थानीय प्रशासन को देनी चाहिए और संदिग्ध डेयरियों से उत्पाद न खरीदने की सलाह दी जाती है।