उज्जैनः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थोड़ी देर बाद उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के पहले फेज का उद्घाटन किया। इससे पहले पीएम मोदी ने महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की।प्रधानमंत्री मोदी ने गर्भगृह में मंत्र जाप किया।इसके साथ ही पीएम मोदी ने कॉरिडोर का भ्रमण भी किया। इसके बाद आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत का भौगोलिक स्वरूप आज से अलग रहा होगा तब से ये माना जाता है कि उज्जैन भारत के केंद्र में हैं। ज्योतिषीय गणनाओं में उज्जैन न केवल भारत का केंद्र रहा है बल्कि ये भारत की आत्मा का भी केंद्र रहा है।
उन्होंने कहा कि महाकाल के लोक में सबकुछ अलौकिक है। यह मैं आज महसूस कर रहा हूं, महाकाल का आशीर्वाद जब मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती है। महाकाल लोक की यह भव्यता भी समय की सीमाओं से परे आने वाले पीढि़यों को दर्शन कराएगी। मैं राजाधिराज महाकाल के चरणों में नमन करता हूं। देश और दुनिया में महाकाल के भक्तों को बधाई देता हूं।। इस दौरान उन्होंने कहा कि महाकाल काल की रेखाएं भी मिटा देते हैं।उन्होंने कहा कि महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है। पीएम ने कहा कि उज्जैन के कण-कण में आध्यात्म है।उन्होंने कहा कि यहां ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है।उन्होंने कहा कि यहां कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग हैं, यहां 4 महवीर हैं।6 विनायक हैं।
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पीएम मोदी ने कहा कि किसी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है जब उसकी सफलता का परचम विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुँचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो। भारत का ये सांस्कृतिक दर्शन एक बार फिर शिखर पर पहुंचकर विश्व के मार्गदर्शन के लिए तैयार हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व जैसे पंच प्राण का आहृवान किया है। इसलिए आज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम भारत की संस्कृति का गौरव बढ़ा रहा है। सोमनाथ में विकास के कार्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उत्तराखंड में बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारनाथ, बद्रीनाथ तीर्थ क्षेत्र में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार चार धाम प्रोजेक्ट के जरिए हमारे चारों धाम ऑल वेदर रोड से जुड़ने जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार करतारपुर साहिब खुला है।
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