Politics on new liquor policy in Madhya Pradesh

शराब पर ‘संग्राम’! नई शराब नीति पर गरमाई राजनीति, भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग तेज

Politics on new liquor policy in Madhya Pradesh

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : January 19, 2022/11:17 pm IST

 

भोपालः Politics on new liquor policy  मध्यप्रदेश में अब देशी और विदेशी शराब एक ही दुकान पर मिलेगी। लोग पहले के मुकाबले 4 गुना ज्यादा शराब घर पर रख सकेंगे। वहीं 1 अप्रैल से 20 फीसदी सस्ती हो जाएगी शराब। प्रदेश सरकार ने इसके लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इस फैसले पर कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है तो बीजेपी भी कांग्रेस शासित राज्यों का हवाला देकर विपक्ष को आईना दिखा रही है। कुल मिलाकर शराब का मुद्दा प्रदेश की सियासत के केंद्र में है और इस बहाने सियासी वार-पलटवार जारी है।

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Politics on new liquor policy  आरोप-प्रत्यारोप और जुबानी जंग का ये सिलसिला शिवराज सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर है। जिसकी मंजूरी शिवराज कैबिनेट ने मंगलवार को दी। नई शराब नीति 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा। फैसले पर विपक्षी नेता जहां सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं तो सरकार के बचाव में बीजेपी के भी अपने तर्क हैं । आगे बढ़े उससे पहले आपको बताते हैं कि नई शराब नीति में खास क्या है।

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सरकार का तर्क है कि नई शऱाब नीति से प्रदेश में गैर कानूनी अमानक शराब निर्माण, बिक्री और राजस्व की चोरी पर रोक लगेगी। हालांकि विपक्ष इससे इत्तेफाक नहीं रखता। कांग्रेस नेताओ ने आरोप लगाया कि सरकार पेट्रोल डीजल सस्ता करने के बजाए शऱाब सस्ती कर रही है। साथ ही कहा एक तरफ उमा भारती शराबबंदी की बात करती है तो दूसरी ओर बीजेपी सरकार घर-घर शराब पहुंचाने की बात कर रही है।

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विपक्ष ने सस्ती शराब को लेकर आरोपों की बौछार की तो बीजेपी भी आइना लेकर कांग्रेस के सामने खड़ी हो गई। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि ये वही कांग्रेस है जो सरकार में रहते हुए महिलाओं के लिए अलग से शराब बेचने वाली नीति ला रही थी। घर-घर पहुंचाने और ऑनलाइन शराब की भी नीति बनाई थी। गृहमंत्री ने कांग्रेस शासित राज्यों की शराब नीति पर भी सवाल उठाए तो वहीं केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि अगर शराबंबदी होगी तो धंधा कैसे चलेगा।

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जाहिर है पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सोशल मीडिया से लेकर सार्वजनिक मंचों से कई बार शराबबंदी के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरती आई हैं। वो प्रदेश में इसके लिये जनजागरण अभियान भी चला रही है। ऐसे में अब जब शिवराज सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है तो फैसले पर उमा भारती भले चुप्पी साधे हुए है। लेकिन कांग्रेस इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने में जुट गई है।