बिजली खरीदी में ट्रेडिंग मार्जिन के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की आशंका, उर्जा मंत्री और उर्जा सचिव ने कही समीक्षा की बात
उर्जा मंत्री और उर्जा सचिव ने कही समीक्षा की बात! possibility of big mistake in the name of trading margin in electricity purchase
जबलपुर: possibility of big mistake मध्यप्रदेश में बिजली खरीदी में ट्रेडिंग मार्जिन के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। MP पावर मैनेजमेंट कंपनी की सत्यापन याचिका में खुलासा हुआ है कि करीब 5 हजार करोड़ के घाटे में डूबी बिजली कंपनियों ने लैंको पावर से बिजली खरीदने के बदले PTC कंपनी को 11 करोड़ रुपयों का भुगतान किया, जिस पर उर्जा मंत्री और उर्जा सचिव ने समीक्षा की बात कही है।
possibility of big mistake मध्यप्रदेश में बिजली खरीदी में ट्रेडिंग मार्जिन के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। MP पावर मैनेजमेंट कंपनी ने हाल ही में प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने की मांग की है, जिसको लेकर मैनेजमेंट कंपनी ने साल 2020-21 में हुए वास्तविक खर्च का ब्यौरा देते हुए राज्य विद्युत नियामक आयोग में सत्यापन याचिका दायर की है।
सत्यापन याचिका में ये भी खुलासा हुआ है कि घाटे में डूबीं बिजली कंपनियां, लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड से साल 2020-21 में 657 करोड़ रुपयों में 2 हजार 202 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी लेकिन इसके बदले दूसरी निजी कंपनी पावर ट्रेडर्स मेसर्स को 11 करोड़ रुपयों के ट्रेडिंग मार्जिन का भुगतान किया गया। आप को बता दें कि लैंको कंपनी के खिलाफ पहले ही लोकायुक्त में जांच लंबित है।
प्रदेश के ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि पुराने पावर परचेस एग्रीमेंट के कारण ट्रेडिंग मार्जिन का भुगतान हुआ होगा जिसकी समीक्षा की जाएगी। इधर प्रदेश के ऊर्जा सचिव संजय दुबे ने ट्रेडिंग मार्जिन की अदायगी को गलत माना है। घाटे में डूबी बिजली कंपनियों पर ये भी आरोप है कि उसने साल 2012 में ब्लैक लिस्ट की गई लैंको पावर कंपनी से ऊंची दर पर बिजली खरीदी का करार कर लिया था। बहरहाल देखना होगा कि घाटे में डूबी बिजली कंपनियों की बिजली के दाम बढ़ाने की मांग के बीच ट्रेडिंग मार्जिन का भुगतान पर क्या कार्रवाई होती है।

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