रायपुर: Five Days Week छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को फाइव डेज वीक का तोहफा दिया। इसके साथ ही ऑफिस की टाइमिंग भी बदल गई। लेकिन कर्मचारियों को सुबह 10 बजे दफ्तर आना रास नहीं आ रहा है। उन्होंने सरकार के इस फैसले और कार्रवाई की चेतावनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है।
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Five Days Week छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों के ये वो कर्मचारी हैं, जिन्हें फाइव डेज वीक के ऑफिस टाइमिंग को लेकर नाराजगी है। सुबह 10 बजे दफ्तर में कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने संबंधि आदेश के बाद कर्मचारी संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि वे सुबह 10 बजे दफ्तर नहीं आ सकते। प्रदेश के करीब साढ़े 4 लाख कर्मचारियों से जुड़ा मामला होने की वजह से इसमें सियासत भी शुरु हो गई है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखकर इसका समाधान करने की मांग की है।
इधर सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के बाद हर शहरों में कर्मचारियों की सुबह 10 बजे उपस्थिति चेक की जा रही है, साथ ही नहीं आने पर कार्रवाई भी की जा रही है। रायगढ़ कलेक्टर ने विभिन्न विभागों के 42 अधिकारी कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है। साथ ही सभी का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश भी दिया है। वहीं बिलासपुर में संभाग स्तरीय कार्यालयों का उपायुक्तों ने आकस्मिक निरीक्षण किया। साथ ही अनुपस्थित मिले 5 अधिकारी-कर्मचारियों को शो कॉज नोटिस जारी किया है।
प्रशासन के एक्शन पर कर्मचारियों की रिएक्शन ये भी है कि साढ़े 4 लाख में से सिर्फ एक लाख कर्मचारियों को ही सरकार के इस फैसले का लाभ मिल रहा है। क्योंकि स्वास्थ्य, शिक्षा, उच्च शिक्षा और पुलिस विभाग के करीब साढ़े तीन लाख कर्चचारियों को हफ्ते में दो दिन की छुट्टी नहीं मिल रही। जो भी हो, लेकिन सरकार की ओर से अच्छी नीयत से दी गई राहत को कर्मचारी अब आफत साबित करने में जुट गए हैं।
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