ग्वालियर (मध्यप्रदेश), 25 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा शुरू किए गए क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन की परंपरा की सराहना करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह अन्य राज्यों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा।
शाह ने यहां आयोजित ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट’ में दो लाख करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास और भूमि पूजन के बाद अपने संबोधन में कहा कि जब राज्य क्षेत्रीय संतुलन से विकास करता है, तब इसका सबसे अधिक फायदा राज्य की जनता और उद्योग जगत को होता है।
उन्होंने कहा कि देश में सुव्यवस्थित औद्योगिक सम्मेलन की शुरुआत गुजरात से हुई, जब मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे।
केंद्रीय गृह मंत्री ने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ सम्मेलन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस ‘वैज्ञानिक’ शुरुआत को काफी सफलता मिली और इससे गुजरात में निवेश भी आया।
शाह ने कहा, ‘लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के संतुलित विकास के लिए क्षेत्रीय निवेश सम्मेलन की शुरुआत की है।’
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के सभी क्षेत्रों में निवेश संबंधी कार्यों की शुरुआत हुई है, जो अन्य राज्यों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा।
शाह ने कहा कि आज जो दो लाख करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है, वह देखने में भले ही छोटा लगे लेकिन किसी एक क्षेत्र के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा, ‘ किसी क्षेत्र की जनता के लिए यह निवेश अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि राज्य का संतुलित विकास नहीं होता, तो राज्य आगे नहीं बढ़ सकता, क्योंकि हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं छिपी होती हैं।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मालवा और चंबल क्षेत्रों में कपास किसानों का बहुत पुराना उत्पाद रहा है, लेकिन उचित दाम नहीं मिलने के कारण कपास की खेती बहुत कम हो गई।
उन्होंने कहा कि अब पीएम मित्र पार्क के माध्यम से फिर से कपास मुनाफे की फसल बन गई है।
शाह ने मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति को उसकी सबसे बड़ी विशेषता करार देते हुए कहा कि आधे भारत को यहां से बहुत कम परिवहन लागत में उत्पादों की आपूर्ति की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि लेकिन इसका शत-प्रतिशत दोहन तभी हो सकता है जब मध्यप्रदेश में क्षेत्रवार उद्योग लगें।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘दक्षिणी राज्यों से सटे जिलों में, दिल्ली से सटे क्षेत्रों जैसे ग्वालियर में उद्योग लगे, पश्चिम से सटे क्षेत्रों जैसे धार और झाबुआ में भी उद्योग लगे, तभी भौगोलिक स्थिति का लाभ मिलेगा।’
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के क्षेत्रीय निवेश सम्मेलन ने राज्य के चहुंमुखी विकास की नींव डालने का काम किया है।
शाह ने इस अवसर पर यह भी कहा कि मध्यप्रदेश ने सिर्फ एक साल में चार लाख 57 हजार नई सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) इकाइयां स्थापित करने का रिकॉर्ड स्थापित किया है।
उन्होंने कहा, ‘इससे मध्यम, लघु और कुटीर उद्योग के मामले में मध्यप्रदेश पूरे भारत में हब बनने जा रहा है और स्टार्टअप एवं इनोवेशन से इसे नयी ऊंचाई मिलने वाली है।’
भाषा
ब्रजेन्द्र रवि कांत