माले मुफ्त, दिले बेरहम वाह रे.. नगर निगम! काम के नाम पर कंगाली और पार्षदों के नाश्ते पर खर्च कर डाले लाखों रुपए
काम के नाम पर कंगाली और पार्षदों के नाश्ते पर खर्च कर डाले लाखों रुपएः Rs 2.90 lakh was spent on breakfast on 58 BJP councilors in Bhopal
भोपालः Rs 2.90 lakh was spent on breakfast देश के दिल यानी मध्यप्रदेश के नगर निगमों का बुरा हाल है। एक तरफ तो सड़क सुधार, बंद स्ट्रीट लाइट का बकाया बिजली बिल चुकाने के लिए इनके पास फंड नहीं है। लेकिन पार्षदों के नाश्ते में लाखों रुपए लुटाए जा रहे हैं। आपको जानकर हैरत होगा कि भोपाल नगर निगम में 58 बीजेपी पार्षदों पर नाश्ते के लिए 2.90 लाख रुपए खर्च किया गया। यानी एक-एक पार्षद ने पांच हजार का नाश्ता किया। नाश्ते के नाम इसे निगम की धांधली कहें या घोटाला या फिर मनमानी फिलहाल जांच का विषय है। इस पर सियासी बयानबाजी चरम पर है।
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Rs 2.90 lakh was spent on breakfast वैसे भोपाल नगर निगम नहीं है इकलौता नहीं है, जिसके लिए जनता के पास फंड की कमी है और पार्षदों के लिए खजाना भरा पड़ा है। जबलपुर नगर निगम को ही ले लीजिए, जहां इतिहास में पहली बार कांग्रेस और बीजेपी पार्षदों के शपथग्रहण समारोह अलग अलग आयोजित किए गए जिससे निगम के खजाने को करीब 4 लाख का नुकसान पहुंचा। वो भी तब जब वो 350 करोड़ के कर्ज़ में डूबी है। अब महापौर और नेता प्रतिपक्ष इस फिज़ूलखर्ची के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं।
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बहरहाल भोपाल, जबलपुर या फिर कोई और नगर निगम सबकी वित्तीय स्थिती किसी से छिपी नहीं है। लेकिन फिर भी सरकारी फंड से जनहित के काम करने के बजाय खुद फिजूलखर्ची कर उसे खाली कर रहे हैं। जाहिर है फिर लोग कहेंगे माले मुफ्त, दिले बेरहम वाह रे.. नगर निगम !

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