Satna News: जेल से छूटते ही बन गए लखपति! हत्या के आरोप में मिला था उम्रकैद, जानिए कौन हैं ये चार सगे भाई

Satna News: जेल से छूटते ही बन गए लखपति! हत्या के आरोप में मिला था उम्रकैद, जानिए कौन हैं ये चार सगे भाई Four brothers became millionaires

  • Reported By: Mridul Pandey

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  • Publish Date - August 16, 2025 / 10:56 AM IST,
    Updated On - August 16, 2025 / 10:56 AM IST

Satna News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • 13 साल बाद रिहाई,
  • जेल की सजा ने बना दिया लखपति,
  • सतना के चार भाइयों की कहानी,

सतना: Satna News: सतना में 79वें स्वतंत्रता दिवस पर केंद्रीय जेल सतना सहित विभिन्न जेलों से 17 बंदियों को रिहा किया गया। इनमें सबसे खास रिहाई चार सगे भाइयों की रही, जो एक साथ जेल से बाहर आए। ये चारों भाई न केवल आजाद हुए बल्कि जेल में रहकर मेहनत से कमाई गई रकम के साथ लखपति बनकर घर लौटे।

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Satna News: बता दें कि कृपाल यादव, भागवत यादव, गोपाल यादव और राजू यादव छतरपुर जिले के छुलहा पुरवा गांव के निवासी हैं। साल 2010 में उनका विवाद पड़ोसी टिकरी गांव के लोधी परिवार से जमीन को लेकर हुआ था। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों में मारपीट हो गई और लोधी परिवार के दादू लोधी, राजाराम लोधी और राम लोधी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस मामले में कोर्ट ने 8 अगस्त 2012 को चारों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से वे सतना की केंद्रीय जेल में सजा काट रहे थे। अब 13 साल बाद 15 अगस्त को उन्हें रिहा किया गया।

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Satna News: जेल में रहकर उन्होंने विभिन्न कार्यों में हिस्सा लिया और पारिश्रमिक के रूप में करीब 3 लाख रुपये अर्जित किए। इनके अलावा रिहा हुए दो अन्य कैदी दडोली जोशी और राजेश मावसी भी लखपति बनकर जेल से रिहा हुए। यह राशि जेल प्रशासन ने रिहाई के समय उन्हें प्रदान की।इनके अलावा केंद्रीय जेल के दो अन्य बंदी भी लखपति बनकर निकले। जेल में बंदियों से विभिन्न प्रकार का काम कराया जाता है, जिसके बदले उन्हें वेतन के रूप में यह रकम दी जाती है।

"सतना जेल से रिहाई" किन लोगों की हुई?

"सतना जेल से रिहाई" में 17 बंदियों को छोड़ा गया, जिनमें चार सगे भाई प्रमुख थे – कृपाल, भागवत, गोपाल और राजू यादव।

क्या "सतना के बंदियों को कमाई" की रकम मिली?

हाँ, "सतना के बंदियों को कमाई" के तौर पर जेल प्रशासन ने मेहनत की कमाई से ₹3 लाख तक की राशि दी, जिससे कई बंदी लखपति बनकर निकले।

"लाइफ सजा वाले बंदी" कैसे रिहा हुए?

"लाइफ सजा वाले बंदी" को सरकार की विशेष नीति के तहत, अच्छे आचरण और 13 साल की सजा पूरी करने पर स्वतंत्रता दिवस पर रिहा किया गया।

क्या "जेल में बंदियों को काम" दिया जाता है?

हाँ, "जेल में बंदियों को काम" जैसे बुनाई, कढ़ाई, फर्नीचर, रसोई आदि का कार्य दिया जाता है, जिससे उन्हें वेतन के रूप में पैसे मिलते हैं।

क्या "सतना जेल रिहाई 2025" की प्रक्रिया हर साल होती है?

"सतना जेल रिहाई 2025" जैसी प्रक्रिया आमतौर पर स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर होती है, जब अच्छे आचरण वाले बंदियों को विशेष क्षमा नीति के तहत छोड़ा जाता है।