बंटवारे पर बयान..निशाने पर मुसलमान! ‘निरस्त हो विभाजन या मुसलमान जाए पाकिस्तान’…भारत-पाकिस्तान विभाग पर शंकराचार्य का बयान

बंटवारे पर बयान..निशाने पर मुसलमान! 'निरस्त हो विभाजन या मुसलमान जाए पाकिस्तान'! Shankaracharya's statement on India-Pakistan department

बंटवारे पर बयान..निशाने पर मुसलमान! ‘निरस्त हो विभाजन या मुसलमान जाए पाकिस्तान’…भारत-पाकिस्तान विभाग पर शंकराचार्य का बयान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 pm IST
Published Date: November 7, 2022 11:19 pm IST

विजेंद्र पांडेय/जबलपुर। Shankaracharya’s statement on India-Pakistan department आज़ादी के बाद भारत ने धर्म निरपेक्ष राष्ट्र का मॉडल अपनाया और संविधान को आधार माना लेकिन पाकिस्तान ने धर्म को आधार माना और उसी का अनुसरण किया। क्योंकि बंटावारा ही इसी बेस पर हुआ हुआ था। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के बयान पर बहस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का विभाजन निरस्त किया जाए क्योंकि तीर्थों के दर्शन के लिए वीजा लेना पड़ता है..साथ ही जिस उद्देश्य के लिए विभाजन हुआ वो हुआ ही नहीं। हमसे अलग हुआ देश भारत का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने ये भी कहा कि विभाजन स्वीकार है तो मुसलमान पाकिस्तान जाएं। सवाल ये भी है कि जिस देश में संविधान सर्वोपरि है वहां ये बयान मुसलमानों के मौलिक अधिकार का क्या हनन नहीं हैं। हालांकि ये भी सच है कि बंटवारे ने विरासत में हमें कुछ ऐसे अनसुलझे सवाल भी दिए हैं जिनका जवाब आज नहीं तो कल हमें तलाशना ही होगा।

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Shankaracharya’s statement on India-Pakistan department ये हैं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सररस्वती जिन्होंने भारत-पाकिस्तान विभाजन को रद्द करने की मांग की है। इसके पीछे उनका तर्क है कि जिस शर्त पर बंटवारा हुआ था। उसका पालन तो हो ही नहीं रहा। अविमुक्तेश्वरानंद ने जोर देते हुए कहा कि अगर मुसलमान विभाजन को सही मानते हैं तो उन्हें धार्मिक आधार पर पाकिस्तान चले जाना चाहिए।

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अखंड भारत के विभाजन के कारण कई धार्मिक स्थान बांग्लादेश और पाकिस्तान में रह गए। उन्होंने जल्द ही पीओके का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लेने की बात कही। विभाजन रद्द करने के शंकराचार्य के बयान पर सियासत भी तेज हो गई है। बीजेपी शंकराचार्य की बयान का समर्थन कर रही है तो कांग्रेस तंज कस रही है कि बीजेपी सरकार जो चाहे करे, पाकिस्तान को अंदर लाए या अफगानिस्तान को

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जाहिर है 75 साल पहले भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे की लकीर खिंची गई थी। धार्मिक आधार हुए विभाजन का दंश लाखों लोगों को झेलना पड़ा था। हालांकि बहुत से मुसलमान भारत में ही रह गए। उसी पर शंकराचार्य ने सवाल उठाते हुए कहा है कि बंटवारा धर्म के आधार पर तो मुस्लिम इधर क्यों है और अगर बंटवारे के बाद भी मुस्लिम यहां रहा है, तो फिर अखंड भारत होना चाहिए।

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