Elephants will monitor cheetahs: अब सिद्धनाथ और लक्ष्मी की देखरेख में रहेंगे चीते

अब सिद्धनाथ और लक्ष्मी की देखरेख में रहेंगे चीते, सुरक्षा के मद्देनजर ये दोनों करेंगे गश्त

Elephants will monitor cheetahs: अब सिद्धनाथ और लक्ष्मी की देखरेख में रहेंगे चीते, सुरक्षा को देखते हुए ये दोनों करेंगे गश्त

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : September 21, 2022/6:24 pm IST

Elephants will monitor cheetahs: श्योपुर। 17 सितंबर देश और मध्य प्रदेश के लिए इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है। अपने जन्मदिन के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 साल बाद नामीबिया से भारत पहुंचे 8 चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में पीएम मोदी ने छोड़ा है। कूनों के क्वारंटाइन बाड़े में चीतों को छोड़ा गया है और अब इन नए मेहमानों की सुरक्षा के लिए पार्क प्रबंधन ने सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए हैं।

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दोनों को किया गया ट्रेंड

Elephants will monitor cheetahs: दरअसल, श्योपुर जिले के कूनो पालपुर में चीतों के पुनर्वास से पार्क प्रबंधन की बड़ी चिंता इनकी सुरक्षा को लेकर है। इसके चलते प्रबंधन ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के दो हाथियों 41 साल की सिद्धनाथ और 10 साल की लक्ष्मी को बीते एक महीने से विशेष प्रशिक्षण देकर पार्क में तैनात किया है। यह दोनों हाथी चीतों की निगरानी के साथ उनके आसपास किसी हिंसक पशु को भटकने से भी रोकेंगे। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के इन दोनों हाथियों को किसी भी वन्यप्राणी को काबू करने, गश्त करने या रेस्क्यू आपरेशन में महारथ हासिल है। इन कार्यों के लिए ये विशेष तौर पर प्रशिक्षित हैं। लक्ष्मी व सिद्धनाथ की इन्हीं खूबियों को देखते हुए उन्हें एक पखवाड़े पहले कूनो पहुंचाया गया। यहां इन्हें चीतों को क्वारेंटाइन रखने के लिए बनाए गए विशेष बाड़े के समीप तैनात किया गया है।

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हाथी महोत्सव में नहीं हुए थे शामिल

Elephants will monitor cheetahs: बताया जाता है कि जरुरत पड़ने पर कूनो में इनकी तैनाती की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। लक्ष्मी और सिद्धनाथ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मढ़ई में जाना पहचाना नाम है। ये वहां अपने चार साथियों अंजूगमए, स्मिता, एप्रिया व विक्रमादित्य के साथ रहते आए हैं। हाल ही में मढ़ई में हाथी महोत्सव मनाया गया। इसमें अन्य रिजर्व क्षेत्र के हाथी भी शामिल हुए लेकिन कूनो में विशेष ड्यूटी पर होने के कारण लक्ष्मी और सिद्धनाथ इस महोत्सव में शामिल नहीं हो पाए। कूनो पार्क का जंगल पड़ोसी जिले शिवपुरी और राजस्थान के जिले बारां से सटा हुआ है। यह जंगल राजस्थान के मुकुंदरा हिल टाइगर रिजर्व थंबोर नेशनल पार्क तक कारिडोर भी बनाता है। यह भी डर है कि जंगल में छोड़े जाने के बाद चीते इस कारिडोर पर न चल पड़ें, इसलिए शिवपुरी और बारां जिले की सीमाओं तक अस्थायी चौकी बनाकर नजर रखी जाएगी।

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