मेडिकल कॉलेज में डेड बॉडी का संकट, 1 ही डेड बॉडी से काम चला रहे 180 छात्र |Shortage of Dead Body in Gwalior Medical College

मेडिकल कॉलेज में डेड बॉडी का संकट, 1 ही डेड बॉडी से काम चला रहे 180 छात्र

मेडिकल कॉलेज में डेड बॉडी का संकट! Shortage of Dead Body in Gwalior Medical Collage

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : September 14, 2021/10:53 am IST

Shortage of Dead Body in Gwalior

ग्वालियर: मेडिकल कॉलेज में एनाटॉमी विभाग को कोरोना की पहली लहर के बाद एक भी डेड बॉडी नहीं मिल पाई है। आप को बता दें कि 180 छात्रों के लिए हर साल कम से कम 18 डेड बॉडी की जरूरत पड़ती है। लेकिन फिलहाल विभाग 1 डेड बॉडी से ही काम चला रहा है।

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कोरोना के चलते प्रदेश में हजारों लोगों की जान गई। संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस दौरान किसी भी शव को मेडिकल कॉलेज में नहीं रखा गया। अब हालात ये हैं कि ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में डेड बॉडी की कमी हो गई है। दरअसल पिछले 3 साल से संस्थान को एक भी डेड बॉडी नहीं मिली है, जिसके चलते मेडिकल कॉलेज में रिसर्च और मेडिकल स्टेडूंट्स को इंटरनल बॉडी स्ट्रक्चर सिखाने में परेशानी हो रही है। कोरोना काल में शासन-प्रशासन के निर्देश के मुताबिक किसी भी डेड बॉडी को नहीं रखा गया, जिससे अब एनाटॉमी विभाग के पास डेडबॉडी की ही कमी हो गई है।

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आप को बता दें कि 180 छात्रों के लिए हर साल कम से कम 18 डेड बॉडी की जरूरत होती है। कोरानाकाल से पहले एनाटॉमी विभाग के पास 3 डेड बॉडी मौजूद थी, जिनमें से 2 का उपयोग हो चुका हैं। फिलहाल डिपार्टमेंट के पास केवल एक ही डेड बॉडी बाकी है। इससे मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाई में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

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नेशनल मेडिकल काउंसिल ने सभी मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में एक रुम फ्रीजर अनिवार्य कर दिया है। लेकिन हैरानी की बात ये भी है कि गजराराजा मेडिकल कॉलेज में डेड बॉडी रखने के लिए उपयोग में आने वाला फ्रिजर भी लंबे समय से खराब है, जिसे अब तक ठीक नहीं करवाया गया है जबकि जो मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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