शह मात The Big Debate: सिरप कांड के नाम..मचा सियासी संग्राम, क्या मासूमों की मौत पर भी राजनीति होनी चाहिए?
Madhya Pradesh News: सिरप कांड के नाम..मचा सियासी संग्राम, क्या मासूमों की मौत पर भी राजनीति होनी चाहिए?
Madhya Pradesh News | Photo Credit: IBC24
- छिंदवाड़ा में जहरीली सिरप से 23 मासूमों की मौत
- बीजेपी-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर
- दिग्विजय सिंह की मुस्कान पर मचा बवाल
भोपाल: Madhya Pradesh News छिंदवाड़ा के परासिया में जहरीली सिरप के चलते 23 बच्चोें की मौत के बाद एमपी में सियासी बयानबाजियां जारी हैं। एक तरफ कई घरों के चराग बुझ जाने से पीड़ितों के घरों में मातम पसरा हुआ है। जिनकी कोख सूनी हो गईं, उनके हलक से निवाला नहीं जा रहा है, तो दूसरी ओर सियासतदां अपनी सियासी रोटियां सेंकने मेें पीछे नहीं हैं। बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने X पर दिग्विजय सिंह की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि-“मासूम मौतों पर कांग्रेस की संवेदनहीन राजनीति का प्रमाण है ये चित्र कैंडल मार्च के दौरान दिग्विजय सिंह हंसते हुए नजर आए।” इससे पहले सीएम मोहन से लेकर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने पीड़ितों से मुलाकात कर अपने संवेनाएं जताईं और जिम्मेदारों के खिलाफ लगातार कार्रवाइयां जारी रहने का ऐलान भी किया..साथ ही सीएम मोहन ने राहुल गांधी के आगामी छिंदवाड़ा दौरे और तमिलनाडु सरकार को लेकर जमकर निशाना साधा।
Madhya Pradesh News सीएम मोहन ने जहां खुद को प्रभावित पक्ष बताते हुए राहुल गांधी और तमिलनाडु सरकार को आड़े हाथों लिया, तो पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने पलटवार करते हुए मासूमों की मौत पर एक बार फिर सरकार को घेरा।
कुलमिलाकर छिंदवाड़ा में मासूमों की मौत के बाद सूबे में सियासी लड़ाई जारी है। पक्ष-विपक्ष के दौरे, वार-पलटवार, कैंडल मार्च की सियासी तरकीबें नजर आ रही हैं, लेकिन सवाल ये कि- आखिर छिंदवाड़ा को पॉलिटिकल अखाड़ा क्यों बनाया जा रहा है? क्या इससे मासूमों को न्याय मिल पाएगा? और इस सियासी अलाव की जद में कब तक पीड़ित रोते-बिलखते रहेंगे?

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