Sidhi News: संजय टाइगर रिजर्व से बड़ी खुशखबरी! बाघों की संख्या 40 के पार, जंगल में गूंज रही दहाड़

संजय टाइगर रिजर्व, सीधी (मध्य प्रदेश) में बाघों की संख्या बढ़कर अब 40 से अधिक हो गई है। यहां के जंगलों में बाघों की दहाड़ और अठखेलियां अब आम हो चुकी हैं। हाल ही में बाघ-टी-40 का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह जंगल में नहाता और विचरण करता नजर आ रहा है।

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  • Publish Date - September 11, 2025 / 02:51 PM IST,
    Updated On - September 11, 2025 / 02:52 PM IST

Sidhi News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • बाघों की संख्या 40 के पार।
  • वायरल हुआ बाघ-टी-40 का वीडियो।
  • पर्यटन और संरक्षण दोनों में अग्रणी।

Sidhi News: सीधी जिले स्थित संजय टाइगर रिजर्व से एक खुशखबरी सामने आई है। यहां बाघों की संख्या बढ़कर अब 40 से अधिक हो गई है। बाघों की लगातार बढ़ती संख्या से ये क्षेत्र वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है। जंगल में बाघों की अठखेलियां और दहाड़ अब आम बात होती जा रही है। हाल ही में जंगल के बीच खेलते, नहाते और विचरण करते बाघों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं और इन वीडियो में खासकर बाघ-टी-40 भी दिखाई दे रहा है, जो अक्सर कैमरे में कैद होता रहता है।

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संजय टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 40 के पार, जंगल में गूंज रही दहाड़

Sidhi News:  संजय टाइगर रिजर्व को देश में बाघों के लिए सबसे उपयुक्त वातावरण वाला क्षेत्र माना जाता है। यही वजह है कि यहां बाघों की संख्या निरंतर बढ़ रही है।ये रिजर्व न केवल अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इतिहास और पहचान के लिहाज से भी ये रिजर्व बेहद खास है। पूरे विश्व में प्रसिद्ध सफेद शेर “मोहन” की खोज भी कई साल पहले इसी रिजर्व के पनखोरा गांव के जंगलों में हुई थी।

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पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

Sidhi News:  पर्यटन विभाग और वन विभाग अब इस क्षेत्र में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और रिजर्व की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।बाघों की संख्या में हुई ये वृद्धि न सिर्फ वन विभाग के लिए गर्व की बात है, बल्कि ये मध्य प्रदेश के पर्यटन को भी आगे चलके बढ़ावा दने में काम आएगा। अब ये क्षेत्र बाघों की मौजूदगी के चलते पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बनता जा रहा है। वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति से जुड़े लोगों के लिए ये रिजर्व एक अनमोल धरोहर साबित हो रहा है। संजय टाइगर रिजर्व न केवल मध्य प्रदेश की शान बन चुका है, बल्कि ये अब देशभर में वन्यजीव संरक्षण का एक आदर्श मॉडल बनकर उभरा रहा है।

संजय टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या कितनी हो गई है?

संजय टाइगर रिजर्व में अब बाघों की संख्या 40 से अधिक हो चुकी है।

"संजय टाइगर रिजर्व में बाघ" क्यों प्रसिद्ध हो रहे हैं?

यहाँ के बाघों की कैमरे में कैद होती गतिविधियाँ (जैसे खेलना, नहाना, दहाड़ना) सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं, जिससे इनकी लोकप्रियता बढ़ रही है।

क्या "संजय टाइगर रिजर्व" में इको-टूरिज्म की सुविधा है?

जी हाँ, पर्यटन और वन विभाग मिलकर इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं ताकि पर्यटक बाघों और अन्य वन्यजीवों को प्राकृतिक रूप से देख सकें।

सफेद शेर "मोहन" का "संजय टाइगर रिजर्व" से क्या संबंध है?

सफेद शेर "मोहन" की खोज वर्षों पहले इसी रिजर्व के पनखोरा गाँव के जंगलों में हुई थी, जिससे यह स्थान ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण बन गया।

संजय टाइगर रिजर्व कहाँ स्थित है और कैसे पहुँचा जा सकता है?

यह रिजर्व मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्थित है। रीवा, शहडोल या सीधी से सड़क मार्ग द्वारा यहाँ पहुँचा जा सकता है।