भोपाल: Sperm remains alive एम्स ने एक ऐसी रिसर्च शुरू की है जिस पर भारत ही नहीं बल्कि विदेशों की भी नजर टीकी हुई है। दरअसल, एम्स में मृत शरीर में जीवन तलाशने का काम किया जा रहा है। देश में पहली बार भोपाल एम्स में इस बात पर शोध किया जा रहा है कि मौत के बाद भी किसी पुरुष में स्पर्म जिंदा रहते हैं और ये कितने समय तक कारगर रहेंगे। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मृत शरीर में जीवन की तलाश का ये काम भोपाल एम्स को सौंपा है।
Sperm remains alive तीन साल तक चलने वाली इस रिसर्च की रिपोर्ट ICMR को सौंपी जाएगी। भारत में फिलहाल इस तरह के सवालों पर कोई रिसर्च नहीं हुई है। शोध का मूल मकसद है परिवार आगे बढ़ाना, यानी हादसे में किसी युवा व्यक्ति की जान चली गई। लेकिन परिवार उसी से अपने कुनबे को आगे बढ़ाना चाहता है। ऐसे हालात में मृतक के स्पर्म की मदद से संतानोत्पत्ति की जा सकेगी। इससे बेहद महंगे होने वाले कृत्रिम गर्भाधान में भी सहूलियत होगी।
इस शोध को साल 2020 में मंजूरी मिली थी, लेकिन कोरोना काल के चलते इस रिसर्च को रोक दिया गया था। अब इस रिसर्च के लिए तकनीकी उपकरण खरीदी की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए ICMR ने 35 लाख रुपए का बजट भी मंजूर किया है। इस प्रोजेक्ट के बाद भोपाल एम्स में स्पर्म बैंक बनाने की भी योजना बनाई जाएगी। रिसर्च को लेकर चिकिस्ता शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि ये शोध मील का पत्थर साबित होगा।
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