पिछले 4 दिनों से अनिश्चिकालीन हड़ताल कर रहे हैं वन कर्मचारी, मौजूदा ग्रेड पर वेतन में बढ़ोतरी सहित इन मांगों को लेकर खोला मोर्चा

पिछले 4 दिनों से अनिश्चिकालीन हड़ताल कर रहे हैं वन कर्मचारी! Forest Department Employees Started Protest For Hike Salary

पिछले 4 दिनों से अनिश्चिकालीन हड़ताल कर रहे हैं वन कर्मचारी, मौजूदा ग्रेड पर वेतन में बढ़ोतरी सहित इन मांगों को लेकर खोला मोर्चा
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: March 24, 2022 11:38 pm IST

रायपुर: Forest Department Employees करीब 50 फ़ीसदी वन क्षेत्र के छत्तीसगढ़ में पिछले 4 दिनों से वन कर्मचारी अनिश्चिकालीन हड़ताल कर रहे हैं। अपनी 12 सूत्रीय मांग को लेकर वन कर्मचारी सभी जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर रहे हैं। वन कर्मचारियों की हड़ताल से वन संसाधनों की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

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Forest Department Employees छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदर्शन करते कर्मचारियों की ये वो तस्वीर है जिन पर वन संसाधनों और वन्यजीवों की सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी है। प्रदेश के 28 जिला मुख्यालयों में अपनी 12 सूत्रीय मांग को लेकर इनका प्रदर्शन जारी है।

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इनकी प्रमुख मांगों में पहली मांग वेतन पुनर्निरीक्षण है, जिसके तहत कर्मचारी संघ वनरक्षक, वनपाल, डिप्टी रेंजर और रेंजर के मौजूदा ग्रेड पर वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा नया सेटअप, महाराष्ट्र सरकार की तरह पौष्टिक आहार, वर्दी भत्ता के लिए 5 हजार रुपए, वनोपज संघ के काम के लिए 1 माह का अतिरिक्त वेतन, वनपाल के लिए 45 दिनों का प्रशिक्षण जैसी अन्य मांग भी की जा रही है।

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राजनांदगांव, जगदलपुर समेत प्रदेश के कई हिस्सों से जंगलों में आग लगने की खबर सामने आ रही है। वन कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में बेशकीमती पेड़ और लकड़ियां जल कर बर्बाद हो रही हैं। गरियाबंद में चीतल की मौत की खबर भी सामने आई है। इसके अलावा एक तेंदुए के अवैध शिकार का मामला भी सामने आया है। आरंग के कुटेला गांव में हाथियों के हमले में एक महिला की मौत भी हो चुकी है, जिस पर BJP ने सरकार पर निशाना साधा है। हालांकि सरकार की दलील है कि की इस मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा।

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कर्मचारी संघ ने साफ कह दिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। इससे चिंता इसलिए भी और बढ़ जाती है क्योंकि गर्मी के मौसम में जगंलों में आग लगने की घटनाएं और वन्यजीवों के शिकार के मामले भी बढ़ने लगते हैं, लिहाजा हड़ताल की बढ़ती मियाद से न सिर्फ प्रशासन बल्कि वन संसाधनों के लिए खतरा बढ़ता ही जाएगा।

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