इंदौर, दो अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के इंदौर की एक व्यस्त सड़क पर प्रस्तावित भूमिगत मेट्रो लाइन को लेकर आपत्ति जताते हुए राज्य के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा कि इस लाइन की योजना बनाते वक्त स्थानीय जन प्रतिनिधियों की राय नहीं ली गई थी।
विजयवर्गीय ने संवाददाताओं से कहा,‘‘हम शहर के एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो लाइन नहीं चाहते। यदि एमजी रोड पर यह लाइन बिछाई गई, तो यह सड़क खराब हो जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि सघन वाणिज्यिक क्षेत्र की इस सड़क पर मेट्रो की भूमिगत लाइन बिछाने की योजना सही नहीं है और यह योजना बनाते वक्त स्थानीय जन प्रतिनिधियों की राय नहीं ली गई थी।
विजयवर्गीय ने कहा कि वह शहर में मेट्रो परियोजना को लेकर अधिकारियों से चर्चा करने के साथ ही जन प्रतिनिधियों की राय ले रहे हैं और शहर के हित में उचित कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा,‘‘हम चाहते हैं कि मेट्रो रेल शहर के नागरिकों के लिए बोझ नहीं, बल्कि उपयोगी बने।’’
मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएमआरसीएल) इन दिनों शहर के गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के स्टेशन क्रमांक-तीन के बीच 5.90 किलोमीटर के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले गलियारे पर मेट्रो रेल चलाने की तैयारी कर रहा है। यह गलियारा शहर की नयी बसाहट में स्थित है।
विजयवर्गीय ने कहा कि इस मार्ग पर मेट्रो रेल चलाने से पहले सवारियों की संभावित संख्या का आकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा,‘‘हम शहर में मेट्रो रेल चलाकर घाटा नहीं उठाना चाहते। इसलिए हम किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं।‘’
अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में 7,500.80 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण की नींव 14 सितंबर 2019 को रखी गई थी। इसके तहत शहर में करीब 31.50 किलोमीटर लम्बा मेट्रो रेल गलियारा बनाया जाना है।
नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने यह भी बताया कि इंदौर नगर निगम ने 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष में 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व एकत्रित किया है जो इस निकाय की अब तक की सर्वाधिक राजस्व वसूली है।
उन्होंने कहा,‘‘इंदौर नगर निगम, सूबे का पहला नगरीय निकाय है जो (आर्थिक रूप से) आत्मनिर्भर हो गया है।’’ भाषा हर्ष जोहेब
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