भोपालः मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। इसी बीच अब मध्यप्रदेश में दो और कफ सिरप में खतरनाक केमिकल होने बात सामने आई है। री लाइफ और रेस्पिफ्रेस टीआर नाम से सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा पाई गई है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। दोनों सिरप पर तत्काल रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू दी गई है।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप में खतरनाक केमिकल की पुष्टि होने के बाद छिंदवाड़ा में जांच के लिए 19 सिरप के नमूने लिए गए थे, जिनमें से 4 मानकों पर खरे नहीं उतरे। सबसे गंभीर मामला ‘री लाइफ‘ और ‘रेस्पिफ्रेस टीआर‘ कफ सिरप में सामने आया है, जिनमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 0.1% से अधिक पाई गई। यह वही खतरनाक केमिकल है जो पहले ‘कोल्डरिफ‘ कफ सिरप में पाया गया था और जिससे कई बच्चों की जानें गई थीं। ये दोनों सिरप गुजरात की फार्मा कंपनियों द्वारा निर्मित हैं। इन खतरनाक कफ सिरप पर तत्काल रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ड्रग कंट्रोल विभाग ने संबंधित कंपनियों को नोटिस भेजने के साथ-साथ सभी मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों से इन सिरप को हटाने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि डायएथिलीन ग्लाइकॉल एक औद्योगिक सॉल्वेंट है जिसका उपयोग आमतौर पर ब्रेक फ्लुइड, पेंट और प्लास्टिक उत्पादों में होता है। यह शरीर में जाने पर किडनी फेल, लिवर डैमेज और ब्रेन डैमेज जैसे घातक परिणाम दे सकता है।
Brief on Chhindwara Case by Deepak Sahu
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